बड़ी खबर : जेपी इंफ्राटेक के रिजॉल्यूशन प्लान में दखल देने से NCLAT का इंकार, होल्डिंग कंपनी की याचिका खारिज

UPT | जेपी इंफ्राटेक के रिजॉल्यूशन प्लान में होल्डिंग कंपनी की याचिका खारिज

Feb 22, 2024 18:40

जेपी इंफ्राटेक के रिजॉल्यूशन प्लान को लेकर किसी भी तरह का हस्तक्षेप करने से नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल ने इंकार कर दिया है। ट्रिब्यूनल ने इस संबंध में जेपी एसोसिएट्स की याचिका खारिज कर दी है।

Short Highlights
  • जेपी इंफ्राटेक के रिजॉल्यूशन प्लान को हरी झंडी
  • मामले में दखल देने से NCLAT का इंकार
  • नोएडा-ग्रेटर नोएडा में पेंडिंग हैं कई प्रोजेक्ट
Noida News : नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल ने दिवालिया हो चुकी कंपनी जेपी इंफ्राटेक को लेकर दिए आदेश के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी है। लंबे समय से ये मामला ट्रिब्यूनल में अटका हुआ था। इसके साथ ही सुरक्षा समूह द्वारा जेपी इंफ्राटेक के अधिग्रहण का रास्ता लगभग साफ हो गया है। इस मामले में अब मात्र कैबिनेट की मंजूरी ही शेष है।

NCLAT ने पिछले साल दिया था आदेश
नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने पिछले साल 7 मार्च को सुरक्षा ग्रुप द्वारा 7936 करोड़ रुपये के ऑफर द्वारा दिवालिया हो चुकी कंपनी जेपी इंफ्राटेक के अधिग्रहण को मंजूरी दी थी। अधिग्रहण का यह फैसला जेपी समूह के घर खरीदारों के लिए किसी वरदान की तरह था। लेकिन इसके बाद ही यमुना अथॉरिटी, आयकर विभाग, जयप्रकाश असोसिएट लिमिटेड (जेपी असोसिएट) ने इस आदेश को चैंलेंज कर दिया था।

होल्डिंग कंपनी ने की थी यह मांग
दरअसल ट्रिब्यूनल द्वारा सुरक्षा समूह के प्रस्ताव को स्वीकर कर लेने के बाद जेपी इंफ्राटेक की सिस्टर कंपनी जेपी असोसिएट ने मामले में अड़ंगा लगा दिया था। जेपी असोसिएट ने जेपी इंफ्राटेक के साथ किसी समय किए गए करार को ट्रिब्यूनल के सामने रखते हुए कहा कि इंफ्राटेक में होने वाले किसी भी काम पर जितना पैसा खर्च होगा उसका 15 प्रतिशत पैसा जेपी एसोसिएट्स को लेने का हक है। इस पर 11 महीने से मामला NCLAT में लंबित था।

कैबिनेट की भी मिलनी है मंजूरी
यमुना अथॉरिटी ने सुरक्षा कंपनी के साथ बनाए गए जिस रिजॉल्यूशन प्लान को बोर्ड से अनुमति मिलने के बाद शासन में भेजा है, उसे कैबिनेट की मंजूरी मिलने की संभावना कम ही है। दरअसल सुरक्षा समूह अथॉरिटी की शर्त के मुताबिक किसानों को 1600 करोड़ रुपये का मुआवजा देने को तैयार है, मगर इसके बदले में 15 हजार करोड़ का लाभ भी लेना चाहता है।

5 महीने पहले अथॉरिटी ने दी थी मंजूरी
यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल अथॉरिटी ने तकरीबन 5 महीने पहले मुंबई के सुरक्षा ग्रुप को जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड के अटके हुए रियल एस्टेट प्रोजेक्ट के अधिग्रहण की मंजूरी दी थी। अब इस मामले को जल्द ही यूपी सरकार की कैबिनेट मीटिंग में पटल पर रखा जाना है।

दशकों से इंतजार कर रहे घर खरीदार
अगर इस अधिग्रहण को कैबिनेट की मंजूरी मिल जाती है, तो इस हजारों घर खरीदारों को फायदा मिलेगा। दशकों से कई घर खरीदार अपना घर पाने की आस लगाए हुए हैं। इसके लिए अथॉरिटी को अधिग्रहण पर एक नोट तैयार करने को कहा गया है, जिससे कैबिनेट इसकी मंजूरी या बदलाव करने पर अपनी राय दे सके।

नोएडा-ग्रेटर नोएडा में पेंडिंग हैं कई प्रोजेक्ट
दिवालिया घोषित हो चुके जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड के नोएडा और ग्रेटर नोएडा में अलग-अलग हाउसिंग प्रोजेक्ट में करीब 32 हजार यूनिट अटके पड़े हैं, जिनके अधिग्रहण के लिए YEIDA ने सितंबर 2023 में मंजूरी प्रदान की थी। यमुना अथॉरिटी न इसके लिए सुरक्षा ग्रुप की सभी 5 शर्तों को मान लिया था, जिसमें फ्लोर एरिया को बढ़ाने, अटके प्रोजेक्ट के पानी के बिल माफ करने समेत कई मांगें थीं।

बढ़ा हुआ भूमि मुआवजा देगा सुरक्षा ग्रुप
यमुना अथॉरिटी ने सुरक्षा ग्रुप के सामने यह शर्त रखी है कि अधिग्रहण से पहले किसानों को बढ़े हुए 65% भूमि का मुआवजा दिया जाए। इस अधिग्रहण का असर तकरीबन 40 हजार किसानों और 32 हजार घर खरीदारों पर पड़ेगा। अगर कैबिनेट की तरफ से अधिग्रहण को मंजूरी मिल जाती है, तो इससे खरीदारों और किसानों से जुड़े कई मसले हल हो जाएंगे।

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