नोएडा सीईओ की कार्रवाई : शहर की सफाई में लापरवाही बरतने पर आउटसोर्सिंग कंपनी को किया दो साल के लिए ब्लैक लिस्ट

UPT | प्रतीकात्मक फोटो

Dec 27, 2024 20:31

नोएडा शहर में साफ-सफाई की व्यवस्था में गंभीर खामियां सामने आई हैं। जिसके शिकायत स्थानीय निवासियों द्वारा लगातार नोएडा प्राधिकरण से की जा रही थी। इसके अलावा...

Noida News : नोएडा शहर में साफ-सफाई की व्यवस्था में गंभीर खामियां सामने आई हैं। जिसके शिकायत स्थानीय निवासियों द्वारा लगातार नोएडा प्राधिकरण से की जा रही थी। इसके अलावा शहरवासी सोशल मीडिया पर नोएडा प्राधिकरण को टैग करके गंदगी और सफाई की स्थिति की तस्वीरें साझा कर रहे हैं। इस लापरवाही को लेकर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डॉ. लोकेश एम ने कड़ा कदम उठाते हुए ठेकेदार कंपनी मैसर्स बिमलराज आउटसोर्सिंग प्राइवेट लिमिटेड को दो साल के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया है। इस सख्त कार्रवाई से अन्य ठेकेदारों में हड़कंप मच गया है और अब उन्हें भी अपनी सेवाओं में सुधार करने का दबाव महसूस हो रहा है।

कंपनी साफ-सफाई को लेकर बरत रही थी लापरवाही
सीईओ डॉ. लोकेश एम ने हाल ही में निरीक्षण के दौरान पाया कि बिमलराज आउटसोर्सिंग प्राइवेट लिमिटेड द्वारा सड़कों और नालियों की सफाई ठीक से नहीं की जा रही थी। उन्होंने इस लापरवाही पर गहरी नाराजगी व्यक्त की और बार-बार निर्देश देने के बावजूद सफाई कार्य में कोई सुधार नहीं हुआ। कंपनी पर आरोप है कि उसने जन स्वास्थ्य द्वितीय के जोन-3 के अंतर्गत विभिन्न सेक्टरों और गांवों में सफाई व्यवस्था को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। इस स्थिति को लेकर प्राधिकरण ने ठेकेदार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की और उसे दो साल के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया।

सिल्ट और कूड़े को नहीं पहुंचाया जा रहा था अस्थाई डंपिंग ग्राउंड  
नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार, कंपनी ने अपने कर्मचारियों को निर्धारित वर्दी, आई कार्ड, जूते और सफाई उपकरण जैसे झाड़ू, कोल्ची, पंजी, फावड़ा, गैंती, गमबूट इत्यादि पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं कराए। इसके अलावा नालों से निकली सिल्ट और कूड़े को नियमित रूप से सेक्टर-145 स्थित अस्थाई डंपिंग ग्राउंड तक नहीं पहुंचाया जा रहा था।

कंपनी ने नियमों की अनदेखी 
कंपनी ने नियम के अनुसार, आवश्यक मशीनरी जैसे रिक्शा, जेसीबी, ट्रैक्टर ट्रॉली, हाईवा, व्हील बैरो, वाटर टैंकर और मिनी टिपर भी उपलब्ध नहीं कराए। इसके अलावा दिसंबर 2024 में बिना किसी पूर्व सूचना के 6 नए सफाई कर्मचारियों की तैनाती की गई। जिनका विवरण आईसीसीसी सेंटर पर दर्ज नहीं था। प्राधिकरण ने इन सभी गंभीर चूकों को देखते हुए कंपनी को दो सालों के लिए टेंडर प्रक्रिया में भाग लेने से प्रतिबंधित कर दिया है।

Also Read