यमुना अथॉरिटी की बड़ी जीत : इलाहाबाद हाईकोर्ट का YEIDA के पक्ष में फैसला, मिली 1500 करोड़ की राहत

UPT | इलाहाबाद हाईकोर्ट

Sep 13, 2024 17:28

वनालिका डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) के बीच चल रहे भूमि विवाद में YEIDA को अदालत से बड़ी जीत मिली है...

Noida News : वनालिका डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) के बीच चल रहे भूमि विवाद में YEIDA को अदालत से बड़ी जीत मिली है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वनालिका डेवलपर्स की याचिका को खारिज कर दिया, जिससे यमुना अथॉरिटी के पक्ष में फैसला आया। इस निर्णय से YEIDA को एक ही बार में 1500 करोड़ रुपये का लाभ हुआ है।

100 एकड़ भूमि पर विवाद
मामला 2011-12 का है, जब बसपा और बाद में सपा सरकार के दौरान यमुना एक्सप्रेसवे के सेक्टर 22डी में 100 एकड़ भूमि को चार कंपनियों के कंसोर्टियम को आवंटित किया गया था। इस कंसोर्टियम में सनवर्ल्ड इन्फ्रा, वनालिका डिवेलपर्स, ओडियन बिल्डर्स, और वनालिका इन्फ्रा कंपनियां शामिल थीं। इस प्रोजेक्ट को सनवर्ल्ड सिटी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी मैनेज कर रही थी। लेकिन कंसोर्टियम के बीच विवाद के कारण परियोजना रुकी रही और कोई निर्माण कार्य नहीं हो पाया। इस स्थिति में, जमीन को YEIDA को वापस करने का मामला अदालत में चल रहा था।



वनालिका डेवलपर्स की हिस्सेदारी केवल 15 फीसदी
हाईकोर्ट ने वनालिका डेवलपर्स का दावा यह कहते हुए खारिज कर दिया कि कंसोर्टियम में उनकी हिस्सेदारी केवल 15 फीसदी है। इस आधार पर अदालत ने माना कि उनके पास फैसले को चुनौती देने का कानूनी अधिकार नहीं है। कोर्ट ने वनालिका डेवलपर्स की याचिका को अस्वीकार करते हुए कहा कि उनके मामले में उलझन उनके आंतरिक विवादों के कारण उत्पन्न हुई है, और इसके लिए यमुना एक्सप्रेसवे अथॉरिटी की कोई गलती नहीं है।

घर खरीदार कर रहे धरना देने की तैयारी  
इस परियोजना में निवेश करने वाले 218 प्रभावित घर खरीदार अब प्लॉट के सरेंडर होने के बाद अपने पैसे की वापसी की मांग कर रहे हैं। यदि उन्हें पैसा वापस नहीं मिलता, तो वे धरना प्रदर्शन की योजना बना रहे हैं। उनका मुख्य अनुरोध यह होगा कि बिल्डर की सभी गतिविधियों की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा की जाए, और निवेशकों को ब्याज सहित रिफंड प्रदान किया जाए।

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