गाजियाबाद बार एसोसिएशन ने 14 दिसम्बर को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है।
Short Highlights
कचहरी में पश्चिम उत्तर प्रदेश के 22 जिलों के वकीलों की महापंचायत
महापंचायत में सर्व सम्मति से पास किए गए कई प्रस्ताव
हड़ताल पर रहेंगे अभी गाजियाबाद बार एसोसिएशन के वकील
Ghaziabad News : जिला जज की अदालत में लाठी चार्ज के विरोध में शुक्रवार को गाजियाबाद तहसील में पश्चिम उत्तर प्रदेश के 22 जिलों के वकीलों की महापंचायत हुई। वकीलों की महापंचायत में सर्वसम्माति से कई प्रस्ताव पास किए गए। जिसमें से एक प्रस्ताव ये भी है कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में 14 दिसम्बर को होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत का प्रदेश भर में बहिष्कार किया जाएगा।
सभी बार एसोसिएशन को पत्र भेजकर अनुरोध किया जाएगा
हालांकि ये फैसला पश्चिम उत्तर प्रदेश के 22 जिलों की बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों द्वारा लिया गया है। लेकिन इसके लिए प्रदेश भर की सभी बार एसोसिएशन को पत्र भेजकर अनुरोध किया जाएगा कि वो गाजियाबाद बार एसोसिएशन के इस निर्णय में शामिल होकर लोक अदालत का बहिष्कार करें।
14 दिसम्बर को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत
ये जानकारी गाजियाबाद बार एसोसिएशन के सचिव अमित नेहरा ने दी है। उन्होंने बताया कि गाजियाबाद बार एसोसिएशन ने 14 दिसम्बर को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। बार अध्यक्ष दीपक शर्मा ने बताया कि गाजियाबाद में अधिवक्ता पूरी तरह लोक अदालत को बहिष्कार करेंगे।
28 अक्टूबर को लाठीचार्ज
गाजियाबाद में जिला जज की अदालत में वकीलों के ऊपर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था। लाठीचार्ज की घटना के विरोध में अधिवक्ता पिछले 4 नवम्बर से हड़ताल में चल रहे हैं। अधिवक्ता जिला जज के निलंबन और उनको गाजियाबाद से हटाने की मांग कर रहे हैं। अभी तक जिला जज के खिलाफ कार्रवाई न होने के चलते अब लोक अदालत के बहिष्कार का निर्णय लिया गया है। घटना के बाद से गाजियाबाद कचहरी में अधिवक्ताओं की हड़ताल लगातार जारी है। बार अध्यक्ष ने क्या कहा?
बार अध्यक्ष दीपक शर्मा ने कहा कि अधिवक्ताओं पर लाठी चार्ज के दोषी जिला जज, पुलिस अधिकारी और पुलिसकर्मी, जिन्होंने बर्बरता पूवर्क लाठी चार्ज किया व अधिवक्ताओं को पीटने का अनुचित कार्य किया है। उन सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए। जिला जजद द्वारा अधिवक्ताओं के खिलाफ दर्ज कराए गए झूठे मुकदमों को वापस लिया जाए। एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट का आदेश पारित कर तुंरत लागू किया जाए। लाठी चार्ज की घटना में घायल हुए अधिवक्ताओं को तुरंत मुआवजा दिया जाए।