Ghaziabad News : AQI ने बढ़ाई टेंशन, घुट रहा दम...आंखों में जलन, सांस लेने में तकलीफ

UPT | गाजियाबाद में छाई स्मॉग की चादर।

Nov 09, 2024 08:47

गाजियाबाद का वेंटिलेशन इंडेक्स 2000 घनमीटर प्रति सेकंड रही। रविवार को वेंटिलेशन इंडेक्स 3100 घनमीटर प्रति सेकंड रहने का अनुमान है। डिसिजन स्पोर्ट सिस्टम (डीएसएस) के मुताबिक हवा में ट्रांसपोर्ट से होने वाले प्रदूषण की हिस्सेदारी 11.049 प्रतिशत

Short Highlights
  • गाजियाबाद और एनसीआर में कम नहीं हो रहा वायु प्रदूषण 
  • आने वाले दिनों में हालात और अधिक खराब होने के संकेत
  • लोनी और वसुंधरा में एक्यूआई 350 और 400 के बीच 
Ghaziabad AQI News : गाजियाबाद सहित पूरे दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण से हालात खराब हैं। लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है। आंखों में जलन की शिकायत के बीच दम भी घुट रहा है। एक्यूआई अब टेंशन बढ़ा रहा है। 

गाजियाबाद में प्रदूषण कम नहीं हो रहा
गाजियाबाद में प्रदूषण कम नहीं हो रहा है। आज सुबह वसुंधरा का एक्यूआई 356 मापा गया है। जबकि लोनी का एक्यूआई 398 रहा। पूरा एनसीआर इस समय स्मॉग में लिपटा हुआ है। गाजियाबाद से सटे राष्ट्रीय राजधानी के कई हिस्सों का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 400 के पार है। बढ़ते प्रदूषण की वजह से लोगों की सांसें फूलने लगी हैं।

गाजियाबाद का औसत AQI आज सुबह आठ बजे 320 रहा
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के डेटा के अनुसार, गाजियाबाद का औसत AQI आज सुबह आठ बजे 320 रहा। आनंद विहार में एक्यूआई 393, साहिबाबाद का एक्यूआई 360, वसुंधरा का एक्यूआई 356 और लोनी का एक्यूआई 398 दर्ज किया गया है। शुक्रवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में वृद्धि हुई है।

आसमान में स्मॉग की चादर छाई रही
इस दौरान एक्यूआई 380 दर्ज किया गया था। जो बेहद खराब है। ऐसे में पूरे दिन आसमान में स्मॉग की चादर छाई रही। इससे लोगों को आंखों में जलन व सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ा। इससे पहले बृहस्पतिवार को एक्यूआई 377 रहा, जोकि बेहद खराब श्रेणी में है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषकों के फैलाव के लिए मौसम संबंधी स्थितियां बेहद प्रतिकूल होने से स्थिति बिगड़ रही है।

बेहद खराब श्रेणी में बनी रहेगी हवा
गाजियाबाद का वेंटिलेशन इंडेक्स 2000 घनमीटर प्रति सेकंड रही। रविवार को वेंटिलेशन इंडेक्स 3100 घनमीटर प्रति सेकंड रहने का अनुमान है। डिसिजन स्पोर्ट सिस्टम (डीएसएस) के मुताबिक हवा में ट्रांसपोर्ट से होने वाले प्रदूषण की हिस्सेदारी 11.049 प्रतिशत, कूड़ा जलने से होने वाले प्रदूषण की हिस्सेदारी 1.053 प्रतिशत रही। पराली धुएं की हिस्सेदारी 17.814 प्रतिशत है।

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