Ramlila : 'गौतम नारी श्राप वश उपल देह धरि धीर,चरण कमल रज चाहती कृपा करहू रघुवीर'

UPT | गाजियाबाद संजय नगर में रामलीला मंचन करते कलाकार।

Oct 04, 2024 08:37

बालक आकर उनका परिचय प्राप्त करके उनको नगर भ्रमण कराने ले गये तथा मिथिला के मुख्य मनोरम स्थानों को दिखाने लगे। हाट में दुकानदारों द्वारा प्रस्तुत किया गया प्रहसन भी काफी मनोरंजक रहा।

Short Highlights
  • रामलीला में अहिल्या उद्धार और राम का गंगा तट आगमन
  • आदर्श धार्मिक रामलीला कमेटी संजय नगर में रामलीला मंचन
  • रामलीला मंचन में रोचक रहा पंडाइनों का प्रहसन 
Ghaziabad Ramlila : श्री आदर्श धार्मिक रामलीला कमेटी संजय नगर में बीती रात अहिल्या उद्धार, गंगा तट आगमन तथा नगर दर्शन की लीलायें नवीनतम एवं आकर्षक ढंग से मंचित की गयी। मंचन से पूर्व अतिथि के रूप में पहुंचे डॉक्टर आर.के. पोद्दार का स्वागत कमेटी के सभी सदस्यों ने किया। उन्होंने यहां रामलीला मंचन को देखने सुनने पहुंची भीड़ को नमन किया। 

लीला मंचन मे विश्वामित्र के साथ जा रहे राम लक्ष्मण
लीला मंचन मे विश्वामित्र के साथ जा रहे राम लक्ष्मण ने एक आश्रम में एक शिला देखकर विश्वामित्र से उसके बारे में पूछा तो उन्होंने गौतम ऋषि की पत्नी अहिल्या के शिला रूप होने की कथा का विशद वर्णन किया और आज्ञा दी “गौतम नारि श्राप वश उपल देह धरि धीर, चरण कमल रज चाहती कृपा करहु रघुवीर।” चरण रज के स्पर्श होते ही शिला अहिल्या के रूप में परिवर्तित हो गयी।

अहिल्या ने प्रभु चरणों की वंदना करके पति लोक को प्रस्थान किया
अहिल्या ने प्रभु चरणों की वंदना करके पति लोक को प्रस्थान किया। यह दृश्य अत्यंत ही प्रभावपूर्ण रहा। इसके पश्चात वे तीनों गंगा तट पर पहुंचे जहां पंडा लोगों का समूह एकत्रित था। सभी भंग की तरंग में मौजें मना रहे थे और यात्रियों की बाट जो रहे थे। पंडाइनों का प्रहसन भी बहुत मनोरंजक रहा। भगवान राम लक्ष्मण और विश्वामित्र जी के आगमन पर सभी पंडागण अपने-अपने घाट पर स्नान करने का आग्रह करने लगे।

विश्वामित्र ने शर्त रखी कि जो पंडा
विश्वामित्र ने शर्त रखी कि जो पंडा रघुवंश की वंशावली सुना देगा उसी के घाट पर स्नान किया जायेगा। तब एक पंडे ने बाल्मीकि रामायण में वर्णित श्रीराम की वंशावली निकाली और ब्रह्मा के पुत्र मरीच से प्रारंभ करके सूर्यवंश के सारे सम्राटों का वंश वृक्ष वर्णन करते हुए दशरथ पुत्र राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न तक की वंशावली प्रस्तुत की। उसी के घाट पर स्नान करके वे आगे बढ़े।

जनकपुर में राजा जनक ने मंत्रियों के साथ
जनकपुर में राजा जनक ने मंत्रियों के साथ आकर उनका स्वागत किया और सुंदर सदन में विराजमान किया। लक्ष्मण की लालसा पूर्ति हेतु श्री राम ने गुरु से आज्ञा प्राप्त कर उन्हें नगर दर्शन कराने ले गये। उन्हें देखकर महिलायें में अपने भावों को प्रकट करने लगीं। कोई उनके रूप की तुलना ब्रह्मा, शिव, इन्द्र, कामदेव से करने लगी तो किसी ने उनसे भी श्रेष्ठ बताया। किसी ने जिज्ञासा प्रकट की कि यदि जनक नंदिनी से इनका विवाह हो जाये तो अति सुंदर हो।

उनका परिचय प्राप्त करके उनको नगर भ्रमण कराने ले गये
नगर के अनेक बालक आकर उनका परिचय प्राप्त करके उनको नगर भ्रमण कराने ले गये तथा मिथिला के मुख्य मनोरम स्थानों को दिखाने लगे। हाट में दुकानदारों द्वारा प्रस्तुत किया गया प्रहसन भी काफी मनोरंजक रहा। नगर भ्रमण के उपरान्त राम और लक्ष्मण गुरुदेव के पास वापस आ गये और यहीं पर लीला ने विश्राम लिया। इस लीला में राम और लक्ष्मण के रूप में मानवेंद्र यादव और अनिरुद्ध यादव का अभिनय काफी प्रशंसनीय रहा।  मुकेश यादव, लल्लन महाराज, प्रदीप यादव, राघवेंद्र सुनील, श्यामलाल, देव यादव, श्रेया त्यागी, मूमी, तृप्ति, दीप्ति पलक आदि के अभिनय सराहे गये। लीला का संचालन आनन्द यादव ने एवं पात्रों का श्रृंगार रामप्रकाश व प्रदीप ने किया। 

अतिथियों का सम्मान तथा लीला मंचन की प्रस्तावना
श्री आदर्श धार्मिक रामलीला कमेटी के संयोजक अशोक चांदीवाल, मोहन सिंह रावत एवं समस्त कमेटी के सहयोग परिश्रम से रामलीला का मंचन किया जा रहा है। मंच संचालन में प्रदीप चौधरी अतिथियों का सम्मान तथा लीला मंचन की प्रस्तावना से दर्शकों का मन जीत रहे हैं।

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