गाजियाबाद के बिल्डर पर ईडी का बड़ा एक्शन : पूरे परिवार की करोड़ों रुपये की प्रॉपर्टी जब्त

UPT | प्रवर्तन निदेशालय।

Sep 24, 2024 01:48

प्रवर्तन निदेशालय की जांच की शुरुआत सीबीआई ग़ाज़ियाबाद द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी के आधार पर की गई थी। इस प्राथमिकी में भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत विभिन्न धाराओं में साई कंस्ट्रक्शन एंड बिल्डर्स और उसके सहयोगियों पर बैंक धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया था।

Lucknow/Ghaziabad : प्रवर्तन निदेशालय (ED) के लखनऊ ज़ोनल ऑफिस ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) 2002 के तहत बड़ी कार्रवाई करते हुए गाजियाबाद के बिल्डर राजीव त्यागी और उनके परिवार के खिलाफ 14.89 करोड़ रुपये की संपत्तियों को अस्थायी रूप से जब्त किया है। यह संपत्तियां राजीव त्यागी, उनकी पत्नी मीनू त्यागी, उनके बेटों अमर्त्य राज त्यागी और कनिष्क राज त्यागी के नाम पर पाई गई हैं। इन संपत्तियों में फ्लैट, वाणिज्यिक स्थल, आवासीय और औद्योगिक भूखंड शामिल हैं, जो विभिन्न कंपनियों के नाम पर पंजीकृत हैं, जिनमें साई कंस्ट्रक्शन एंड बिल्डर्स और एसकेटी गारमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड प्रमुख हैं।

प्रवर्तन निदेशालय की जांच की शुरुआत सीबीआई ग़ाज़ियाबाद द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी के आधार पर की गई थी। इस प्राथमिकी में भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत विभिन्न धाराओं में साई कंस्ट्रक्शन एंड बिल्डर्स और उसके सहयोगियों पर बैंक धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया था।

जांच में बड़ा खुलासा
ईडी की जांच में यह खुलासा हुआ कि राजीव त्यागी और उनकी पत्नी मीनू त्यागी ने साझेदारी फर्म साई कंस्ट्रक्शन एंड बिल्डर्स के माध्यम से एक आपराधिक साजिश रचते हुए अन्य गारंटियों और सहयोगियों के साथ मिलकर बैंकों से अवैध तरीके से वित्तीय सुविधाएं प्राप्त कीं। उन्होंने फर्जी दस्तावेज़ और संपत्तियों की गलत वैल्यूएशन रिपोर्ट प्रस्तुत कर कॉरपोरेशन बैंक (अब यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में विलय) से कर्ज प्राप्त किया था। इन फर्जीवाड़ों के माध्यम से
बैंक को भारी वित्तीय नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया गया।

जांच में यह भी पाया गया कि बैंक से प्राप्त ऋण की राशि को कई खातों के माध्यम से घुमाया गया और निजी उपयोग या अन्य उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया गया, जिसका उद्देश्य ऋण को चुकाने से बचना था। इस प्रक्रिया से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक को भारी वित्तीय नुकसान हुआ।

अभी भी जांच जारी
ईडी ने यह भी पुष्टि की है कि इस मामले की आगे की जांच जारी है और अन्य संपत्तियों और वित्तीय गतिविधियों की भी पड़ताल की जा रही है। यह कार्रवाई राजीव त्यागी और उनके परिवार के खिलाफ बैंक धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को करोड़ों रुपये का नुकसान उठाना पड़ा।

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