Karwa Chauth 2024 : करवा चौथ पर भद्रा का साया, सुहागिनें भूलकर भी ना करें ये काम

UPT | करवा चौथ 2024

Oct 18, 2024 08:36

करवा चौथ व्रत वाले दिन सुहागिनें श्रृंगार में सफेद और काले रंग की वस्तुओं का उपयोग नहीं करें। सुहागिनें करवा चौथ पर इन रंगों का उपयोग करती हैं तो उनके जीवन में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ सकता है।

Short Highlights
  • कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवा चौथ व्रत
  • इस बार 20 अक्टूबर रविवार को मनाया जाएगा करवा चौथ
  • सूर्योदय से करीब दो घंटे पहले खाई जाती है सरगी  
Karva chauth chandroday samay : करवा चौथ हिंदुओं के महत्वपूर्ण त्योहारों में एक है। करवा चौथ कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। इस साल, 20 अक्टूबर को करवा चौथ मनाया जाएगा।

पारण चांद निकलने पर होता है
करवा चौथ पर विवाहित महिलाएं पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। जिसका पारण चांद निकलने पर होता है। करवा चौथ व्रत की शुरुआत सरगी खाने से होती है। जो सूर्योदय से पहले खाई जाती है। इस दौरान करवा, गणेश और चंद्रमा की पूजा होती है। इस साल करवा चौथ भद्रा का साया रहेगा। ऐसे में सुहागिनों को कुछ सावधानी बरतनी होगी। 

करवा चौथ पर भद्रा लगने का समय 
ज्योतिषाचार्य भारत ज्ञान भूषण के अनुसार भद्रा को शुभ नहीं माना है। कहा जाता है कि भद्रा शुभ कार्यों में बाधा उत्पन्न करती है। इस वर्ष करवा चौथ पर 20 अक्तूबर को 21 मिनट तक भद्रा का साया रहेगा। करवा चौथ के दिन पूजा का शुभ समय 20 अक्तूबर 2024 को शाम 5:46 बजे से शुरू होगा। यह शुभ मुहूर्त 19:02 तक रहेगी। करवा चौथ पर भद्रा सुबह 06:24 से 06:46 तक रहेगी। करवा चौथ व्रत की शुरुआत  भद्रा काल शुरू होने से पूर्व हो जाएगी। ऐसे में व्रती सूर्योदय से पहले स्नान कर सरगी ग्रहण कर लें और व्रत का संकल्प ले लें। 

करवा चौथ व्रत के दौरान न करें ये काम 
करवा चौथ व्रत वाले दिन सुहागिनें श्रृंगार में सफेद और काले रंग की वस्तुओं का उपयोग नहीं करें। सुहागिनें करवा चौथ पर इन रंगों का उपयोग करती हैं तो उनके जीवन में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ सकता है। भद्रा काल के दौरान कोई संपत्ति या व्यापार की शुरुआत या निवेश न करें। करवा चौथ पर पूजा के बाद कोई श्रृंगार की वस्तु बचती हैं, तो उसे इधर उधर न फेंकें, बल्कि उसे किसी नदी में प्रवाहित कर दें। इस दिन धारदार चीजों के उपयोग से बचें। किसी से कोई भी मनमुटाव न रखें और अपशब्द न कहें। व्रत पारण करने के बाद तामसिक भोजन ग्रहण न करें।
 

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