Quality Tests Failed : बुखार की दवा पैरासिटामोल खाने से पहले पढ़ ले ये खबर! 53 दवाइयां गुणवत्ता में फेल, CDSCO की चौकाने वाली रिपोर्ट

UPT | ये दवा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक ही नहीं जानलेवा भी हो सकती है

Sep 25, 2024 21:08

पैरासिटामोल आईपी 500 एमजी, डायबिटीज की दवा ग्लिमेपिराइड, हाई ब्लड प्रेशर की दवा टेल्मिसर्टन जैसी दवाई का टेस्ट किया था।

Short Highlights
  • केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने किया 53 दवाओं का परीक्षण
  • कैल्शियम, हाई ब्लड प्रेशर और डाइबटीज की दवाइयां भी परीक्षण में फेल
  • पेट के संक्रमण को दूर करने के लिए खाई जाने वाली दवा भी परीक्षण में फेल
CDSCO drug test report : बुखार होने पर पैरासिटामोल खाना आजकल आम बात हो गई है। ऐसे ही ब्लडप्रेशर, पेट संक्रमण और गैस की दवा मेडिकल स्टोर से खरीदकर खा ली जाती है। लेकिन ये दवा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक ही नहीं जानलेवा भी हो सकती है। ऐसा हम नहीं बल्कि देश में दवा गुणवत्ता का परीक्षण करने वाली CDSCO की रिपोर्ट बता रही है। CDSCO की रिपोर्ट के मुताबिक करीब 53 तरह की दवा गुणवत्ता परीक्षण में फेल पाई गई हैं। इनमें अधिकांश वो दवाएं हैं जो आमतौर पर आजकल हर 10 में से 7 व्यक्ति अपनी बीमारी में उपयोग कर रहा है। 

हाई ब्लड प्रेशर के लिए उपयोग की जाने वाली जरूरी दवाएं
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन CDSCO ने पैरासिटामोल समेत 53 दवाओं का गुणवत्ता परीक्षण किया था। जिन दवाओं का गुणवत्ता परीक्षण किया गया उनमें कैल्शियम, विटामिन डी, विटामिन डी सप्लीमेंट, डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर के लिए उपयोग की जाने वाली जरूरी दवाएं शामिल हैं।

विटामिन डी 3 की सप्लीमेंट, डायबिटीज की गोलियां
सबसे हैरानी की बात है कि इस परीक्षण में बुखार में खाई जाने वाली आम दवा पैरासिटामोल टैबलेट गुणवत्ता परीक्षण में फेल पाई गई है। इसके अलावा कैल्शियम और विटामिन डी और विटामिन डी 3 की सप्लीमेंट, डायबिटीज की गोलियां और हाई ब्लड प्रेशर सहित 50 से अधिक दवाएं औषधि नियामक द्वारा किए गुणवत्ता परीक्षण में फेल पाई गई हैं। गुणवत्ता परीक्षण में फेल हुई दवाओं की सूची इंडियन ड्रग्स रेग्युलेटर सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) ने अपनी ऑफिशियल वेबसाइट पर अपलोड की है।  

ये दवाएं CDSCO के टेस्ट में हुई फेल
भारतीय औषधि नियामक- सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन CDSCO हर महीने दवाईयों की जांच के लिए कुछ दवाओं का चयन करता है। इसके बाद उन दवाओं की जांच की जाती है। इस बार सरकारी संस्था ने विटामिन सी और डी3 की टैबलेट्स शेल्कल, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स और विटामिन सी सॉफ्टजेल, एंटीएसिड पैन-डी, पैरासिटामोल आईपी 500 एमजी, डायबिटीज की दवा ग्लिमेपिराइड, हाई ब्लड प्रेशर की दवा टेल्मिसर्टन जैसी दवाई का टेस्ट किया था। ये सभी दवाएं क्वालिटी टेस्ट में फेल पाई गई हैं। इसके अलावा हेटेरो ड्रग्स, एल्केम लैबोरेटरीज, हिंदुस्तान एंटीबायोटिक्स लिमिटेड (एचएएल), कर्नाटक एंटीबायोटिक्स एंड फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड, मेग लाइफसाइंसेज, प्योर एंड क्योर हेल्थकेयर कई दिग्गज दवा निर्माता कंपनियों द्वारा बनाई गई थीं।  

पेट संक्रमण में खाई जाने वाली दवाई फेल
पेट के संक्रमण के इलाज के लिए व्यापक रूप से उपयोग में लाई जाने वाली दवा मेट्रोनिडाजोल, जिसे पीएसयू हिंदुस्तान एंटीबायोटिक लिमिटेड (एचएएल) द्वारा निर्मित किया जाता है, उन दवाओं में से एक है जो गुणवत्ता परीक्षण में फेल रही है।
टोरेंट फार्मास्यूटिकल्स द्वारा वितरित और उत्तराखंड स्थित प्योर एंड क्योर हेल्थकेयर द्वारा निर्मित विटामिन सी और डी3 की टैबलेट्स शेल्कल भी परीक्षण में पास नहीं हुई। कोलकाता की कोलकाता औषधि परीक्षण प्रयोगशाला ने एल्केम हेल्थ साइंस की एंटीबायोटिक्स क्लैवम 625 और पैन डी को नकली माना गया है।

अगस्त में 156 प्रकार की दवाओं पर प्रतिबंध 
वरिष्ठ औषधि निरीक्षण नरेश मोहन का कहना है कि पिछले महीने अगस्त में सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन ने एक से अधिक कंबीनेशन वाली 156 फिक्स डोज दवाओं (एफडीसी) पर प्रतिबंध लगाया था। उन्होंने बताया कि एफडीसी उन दवाओं को कहा जाता है, जिनमें दो या दो से अधिक दवाओं के केमिकल (साल्ट) को निश्चित अनुपात में मिलाकर बनाया जाता है। इस सूची में एसेक्लोफेनाक 50 एमजी और पैरासिटामोल 125 एमजी टैबलेट, पैरासिटामोल और ट्रामाडोल, टारिन और कैफीन के संयोजन और एसिक्लोफेनाक 50 एमजी और पैरासिटामॉल 125 एमजी टैबलेट समेत कई दवाओं पर रोक लगा दी थी। उन्होंने बताया कि अब बाजार में इन दवाओं पर प्रतिबंध लगाना चाहिए। दवा कंपनियों को भी चाहिए कि लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ नहीं करें। 

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