बदलता उत्तर प्रदेश : पेंशन लाभार्थी घर बैठे बनवाएं डिजिटल जीवित प्रमाणपत्र

UPT | डाक विभाग की तरफ से डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र

Nov 13, 2024 09:12

पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने डाक विभाग और इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के साथ मिलकर डाकिए और ग्रामीण डाक सेवकों के बड़े नेटवर्क से डाकघरों और पेंशनभोगियों के घर पहुंचकर अथवा शिविर में यह सेवा प्रदान की जा रही

Short Highlights
  • डाक विभाग की तरफ से डाकियों को दी गई जिम्मेदारी
  • ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले पेंशनभोगियों को होगी आसानी
  • जीवित प्रमाण पत्र देने को पेंशनर्स को नहीं जाना होगा कोषागार
Ghaziabad News : पेंशन लाभार्थियों को प्रतिवर्ष कोषागार व संबंधित विभाग में उपस्थित होकर जीवित प्रमाणपत्र देना होता है। इसे देखते हुए डाक विभाग की तरफ से डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र देने के लिए डाकियों को जिम्मेदारी दी गई है। डाकिया मौके पर पहुंचकर जीवित प्रमाणपत्र बना दे रहे हैं। इसके एवज में 70 रुपये लिए जा रहे हैं।

घर पहुंचकर डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र बनाया
डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र अभियान 3.0 का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी पेंशनभोगी, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले आसानी से अपना जीवन प्रमाणपत्र जमा कर सकें। इसे प्राप्त करने के लिए पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने डाक विभाग और इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के साथ मिलकर डाकिए और ग्रामीण डाक सेवकों के बड़े नेटवर्क से डाकघरों और पेंशनभोगियों के घर पहुंचकर अथवा शिविर में यह सेवा प्रदान की जा रही है। सीनियर पोस्ट मास्टर सीपी शर्मा ने बताया कि अब तक 260 पेंशन भोगियों के घर पहुंचकर डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र बनाया गया।

नजदीकी डाकघर में भी संपर्क 
पेंशनभोगी केवल नजदीकी डाकघर, डाकिया या ग्रामीण डाक सेवक से संपर्क कर सकते हैं। जो अनुराध पर दिए गए पते पर उनका डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र बनाते हैं। इसके लिए डाकिया के पास डिजिटल मोबाइल होता है, जिससे डाटा ऑनलाइन किया जाता है। इन डाकियों की तरफ से 70 रुपये शुल्क लिया जाता है। इस सेवा के लिए पेंशन भोगी को केवल आधार संख्या और पेंशन का विवरण देना होगा। प्रक्रिया पूरी होने पर पेंशनभोगी के मोबाइल नंबर पर पुष्टिकरण एसएमएस मिलेगा।

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