Ghaziabad News : गाजियाबाद शहर विधानसभा उपचुनाव में टिकट के लिए घमासान तय

UPT | गाजियाबाद शहर विधानसभा सीट पर छह माह के भीतर होंगे उपचुनाव।

Jun 07, 2024 14:35

गाजियाबाद विधानसभा में उपचुनाव की घोषणा होगी। हालांकि कोई भी उपचुनाव के लिए छह माह का समय निर्धारित होता है। यानी छह माह के अंदर खाली पड़ी संसदीय या विधानसभा सीट पर उपचुनाव कराए जाने का निर्वाचन आयोग का प्रावधान है।

Short Highlights
  • टिकट के लिए भाजपा में शुरू हुई कवायद
  • भाजपा की परंपरागत सीट मानी जाती है गाजियाबाद सीट 
  • उपचुनाव को लेकर विपक्षियों में भी उत्साह
Ghaziabad News : गाजियाबाद लोकसभा सीट से अतुल गर्ग के जीत दर्ज करने के बाद अब कयास लगाए जा रहे हैं कि जल्द ही गाजियाबाद विधानसभा में उपचुनाव की घोषणा होगी। हालांकि कोई भी उपचुनाव के लिए छह माह का समय निर्धारित होता है। यानी छह माह के अंदर खाली पड़ी संसदीय या विधानसभा सीट पर उपचुनाव कराए जाने का निर्वाचन आयोग का प्रावधान है। इसी कारण माना जा रहा है कि आने वाले छह माह के भीतर उपचुनाव करा दिए जाएंगे। लेकिन उपचुनाव से पहले ही भाजपा में गाजियाबाद शहर विधानसभा के लिए टिकट की लंबी लाइन है। बताया जाता है कि करीब 15 दिग्गज भाजपाई इस सीट से उपचुनाव लड़ने की दावेदारी कर रहे हैं। 

गाजियाबाद भाजपा का अभेद किला
गाजियाबाद भाजपा का अभेद किला माना जाता रहा है। गाजियाबाद लोकसभा सीट 2009 में अस्तित्व में आई थी। उसके बाद लगातार चार चुनाव में भाजपा प्रत्याशी ही यहां से जीत दर्ज करते रहे हैं। गाजियाबाद शहर विधानसभा सीट पर भी भाजपा का कब्जा रहा है। इस सीट पर भाजपा का टिकट जीत की गारंटी माना जा रहा है। भाजपा से टिकट की दावेदारी करने वालों का मानना है कि एक बार टिकट मिल गया तो उनकी जीत पक्की है। गाजियाबाद शहर विधानसभा सीट से प्रबल दावेदारों में भाजपा महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा, अशोक मोगा, बलदेव राज शर्मा, पंकज शर्मा, पृथ्वी सिंह समेत कई नेता शामिल हैं।  

मिलकर लड़े तो भाजपा को हरा सकते हैं
डॉली शर्मा ने जिस मजबूती से चुनाव लड़ा है और पांच लाख से अधिक वोट पाकर दूसरे नंबर पर रही हैं। उससे इंडिया गठबंधन के नेताओं का उत्साह और अधिक बढ़ गया है। इंडिया गठबंधन के नेताओं ने गाजियाबाद शहर विधानसभा सीट से टिकट पाने के लिए लॉबिंग शुरू कर दी है।

इंडिया गठबंधन के दल कांग्रेस और सपा गाजियाबाद में ये समझ चुके हैं कि अगर मतबूती के साथ एकजुट होकर लड़ा जाए तो भाजपा को हराया जा सकता है। इस कारण से सपा या कांग्रेस इन दोनों में से एक दल के प्रत्याशी को ही टिकट दिया जाएगा। हालांकि अभी ये फाइनल नहीं हुआ है कि गाजियाबाद शहर विधानसभा सीट गठबंधन के किस दल के खाते में जाएगी।  

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