Ghaziabad News : टेक्सटाइल निर्यात क्षेत्र में भारत ने बनाई पहचान, 300 करोड़ डॉलर का निर्यात

UPT | 2014 के बाद टेक्सटाइल की दिशा में क्रांतिकारी परिवर्तन

Oct 26, 2024 22:34

नायलॉन और फाइबर का उत्पादन बढ़ाने के साथ उसकी गुणवत्ता के सुधार पर वैज्ञानिक काम कर रहे हैं। नायलॉन, टायर बनाने में काम आता है।

Short Highlights
  • 2030 में लक्ष्य पांच गुना तक बढ़ने की उम्मीद
  • कार्बन फाइबर पर देश में हो रहा तेजी से काम
  • राष्ट्रीय तकनीकी सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री ने गिनाई उपलब्धि
Ghaziabad News : गाजियाबाद पहुंचे केंद्रीय मंत्री गिरीराज सिंह ने देश में टेक्सटाइल निर्यात क्षेत्र में उपलब्धियों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि 2014 के बाद टेक्सटाइल की दिशा में क्रांतिकारी परिवर्तन आया है। टेक्सटाइल क्षेत्र में निर्यात बढ़ने से विदेश में भारत की पहचान बनी है। टेक्सटाइल में 300 करोड़ डॉलर का निर्यात हुआ है।

2030 में टेक्सटाइल निर्यात का लक्ष्य पांच गुना
2030 में टेक्सटाइल निर्यात का लक्ष्य पांच गुना तक बढ़ने की उम्मीद है। जो अपने आप में एक उपलब्धि होगी। इस क्षेत्र में कार्बन फाइबर पर तेजी से काम हो रहा है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने निटरा (नॉर्दर्न इंडिया टेक्सटाइल रिसर्च एसोसिएशन) के राष्ट्रीय तकनीकी सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए थे। 

1500 करोड़ रुपये टेक्सटाइल रिसर्च के लिए 
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि टेक्सटाइल के क्षेत्र में  कई संस्थाएं काम कर रही हैं, लेकिन निटरा फाइबर तकनीक पर रिसर्च कर रही है। प्रधानमंत्री ने 1500 करोड़ रुपये टेक्सटाइल रिसर्च के लिए दिए हैं। 12 स्टार्टअप सरकार शुरू कर चुकी है। इनकी संख्या बढ़कर जल्द 150 हो जाएगी। 

नायलॉन और फाइबर का उत्पादन बढ़ाने पर जोर
नायलॉन और फाइबर का उत्पादन बढ़ाने के साथ उसकी गुणवत्ता के सुधार पर वैज्ञानिक काम कर रहे हैं। नायलॉन, टायर बनाने में काम आता है। इस दौरान गिरिराज सिंह ने निटरा के नॉन वूमेन व फाइबर स्पिनिंग प्लांट का उद्घाटन किया। 

प्रदर्शनी में उत्पाद व मशीनें
निटरा के वैज्ञानिकों ने कपड़े की गुणवत्ता सुधार और कम समय में अधिक उत्पादन देने वालीं मशीनों की भी प्रदर्शनी में जानकारी दी। उन्होंने सेना के जवानों के लिए बनाए गए कपड़ों का प्रदर्शन किया। अधिक सर्दी और गर्मी में त्वचा को राहत पहुंचाने वाले कपड़ों के बारे में जानकारी दी। 

Also Read