Tirupati Prasadam Controversy : तिरुपति 'प्रसाद' विवाद के बाद मेरठ में मंदिर समितियों का बड़ा फैसला, 250 रुपये वाला घी मंदिरों में बैन

UPT | मंदिरों में 250 रुपये किलो बिकने वाले पूजा के घी को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है।

Sep 24, 2024 21:24

नकली घी लगाना अपनी आराधना को दूषित करना है। जानवरों की चर्बी नकली घी में मिली हो सकती है। मेरठ के मंदिरों में मिलावटी घी का बहिष्कार करते हैं।

Short Highlights
  • बाहर से दीपक लाने वाले श्रद्धालुगण नहीं जला सकेंगे दीया
  • ब्रांडेड कंपनी के देशी घी प्रयोग पर मंदिर समितियों का जोर
  • शुद्ध देशी घी का दीपक नहीं जला सकते तो जलाए सरसों के तेल का दीया
Meerut News : तिरुपति बालाजी मंदिर में प्रसाद के रूप में दिए जाने वाले लड्डू में मिलावट का मामला सामने आने के बाद अब मेरठ के अधिकतर मंदिरों में 250 रुपए किलो बिकने वाले पूजा के घी को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है। मेरठ के प्रमुख मंदिरों में मंदिर समितियों ने मंदिर में आने वाले भक्तों को दिशा निर्देश दिए हैं कि वो बाहर से घी का दीपक मंदिर के भीतर जलाने के लिए लेकर ना आए। मंदिर के भीतर इस तरह के दीपक जलाने में ऐसे घी का प्रयोग ना करें।   

मंदिर समितियों के अपने नियम लागू हो रहे हैं
तिरुपति बालाजी मंदिर का प्रसादम विवाद जबसे सामने आया है तबसे यूपी के महानगरों में इसे लेकर अलग-अलग तरीके से प्रतिबंध और मंदिर समितियों के अपने नियम लागू हो रहे हैं। अब मेरठ में भी मंदिर समितियों ने इससे जुड़ा एक बड़ा फैसला लिया है। मेरठ के प्रमुख मंदिरों में 250 रुपये किलो बिकने वाला देशी घी अब प्रतिबंधित कर दिया गया है। मेरठ के औघड़नाथ मंदिर, नौचंदी मैदान स्थित बालाजी मंदिर, सिद्धपीठ दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर पीएल शर्मा रोड और सूरज कुंड स्थित बाबा मनोहर नाथ मंदिर में ऐसे घी से दीपक जलाने, आरती करने और चढ़ावे पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। 

पूजा के घी पर प्रतिबंध लगा दिया
तिरुपति बालाजी मंदिर में जबसे लड्डू में मिलावट का मामला प्रकाश में आया है। उसके बाद से यूपी के मेरठ के मंदिरों में मंदिर समितियों ने अपने तरीके से फैसले लेने शुरू कर दिए हैं। मेरठ में मंदिर समितियों द्वारा लिए इस फैसले के तहत 200-250 रुपये किलो बिकने वाले पूजा के घी पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। 

250 रुपये किलो बिकने वाले घी का बहिष्कार 
महामंडलेश्वर महेंद्र दास का कहना है कि हम लोग सालों से बालाजी की ज्योत में ब्रांडेड कंपनी का घी इस्तेमाल कर रहे हैं। नकली घी लगाना अपनी आराधना को दूषित करना है। जानवरों की चर्बी नकली घी में मिली हो सकती है। मेरठ के मंदिरों में मिलावटी घी का बहिष्कार करते हैं। सिद्धपीठ दक्षिणमुखी पंचमुखी हनुमान मंदिर के पुजारी विवेक दत्त का कहना है कि पूजा और हवन इत्यादी में मिलावटी घी का उपयोग नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कई बार बाजार से घी खरीदते समय पता नहीं चलता है और हम ऐसा घी खरीदकर ले आते हैं। लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए। 

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