Meerut News : मेरठ किसान आंदोलन का असर, ट्रक फंसने से फलों के दाम में उछाल

UPT | मेरठ फल मंडी में दुकान में रखे फल।

Feb 21, 2024 10:58

किसानों का प्रदर्शन लंबा चलने से व्यापारियों के सामने उद्योग चलाने के लिए कच्चे माल की कमी हो रही है। पिछले कई दिनों से माल की बुकिंंग बंद है। ट्रक शंभू बार्डर पर फंसे है। इससे फैक्ट्रियों को जहां कच्चा माल व शहर को जरूरी सामान नहीं मिल पा रहा है।

Short Highlights
  • मेरठ के टीपी नगर में प्रतिदिन आते हैं करीब 400 ट्रक
  • किसान आंदोलन लंबा चला तो हालात होंगे और खराब
  • फलों के थोक दाम 20 से 25 प्रतिशत तक बढ़ गए
Meerut News : किसान आंदोलन का असर मेरठ तक दिखाई देने लगा है। मेरठ का टीपी नगर इन दिनों सन्नाटे में हैं। मेरठ के ट्रासपोर्ट नगर में प्रतिदिन करीब 400 ट्रक आते हैं। लेकिन इन दिनों पंजाब, हरियाणा और जम्मू काश्मीर से आने वाले ट्रक किसान आंदोलन के चलते बंद हैं। जिस कारण से फलों की आवक रूकी हुई है। अधिकांश ट्रक शंभू बार्डर पर फंसे हुए है। वहीं मेरठ से करीब 150 ट्रक माल इन राज्यों में प्रतिदिन जाता है। ये भी बुरी तरह से प्रभावित हो गया है।

जम्मू-कश्मीर और हिमाचल से आने वाले फल की आवक प्रभावित
किसान आंदोलन के चलते जहां मेरठ के ट्रांसपोर्ट नगर में ट्रांसपोर्टर माल की बुकिंग नहीं कर पा रहे हैं वहीं जम्मू-कश्मीर और हिमाचल से आने वाले फलों की आवक प्रभावित हो रही है। पटियाला के शंभू बार्डर पर चल रहे किसान आंदोलन का साफ असर मेरठ की फल मंडी में दिखाई दे रहा है। किसान आंदोलन के कारण बंद हुए बार्डर के चलते फलों के थोक दाम 20 से 25 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं। 

टीपी नगर में माल की बुकिंग इन दिनों इन राज्यों के लिए पूरी तरह से बंद कर दी गई है। वहीं हरियाणा पंजाब की स्थिति को देखते हुए व्यापारियों ने कच्चा माल मंगाना और तैयार माल की सप्लाई को भी कम किया है। यूपी मोटर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के मेरठ जोन के अध्यक्ष अमरजीत चिन्योटी ने बताया कि शंभू बार्डर के  आगे ट्रकों का परिवहन बिल्कुल बंद है। अपने माल को पहुंचाने के लिए ट्रकों को 200 से 400 किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ रही है। 

हरियाणा से आगे किसानों ने बंद किए हैं रास्ता
दिल्ली से हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु राज्यों से होकर चेन्नई तक जाने वाला 1744 किमी लंबा हाईवे है। इस हाइवे पर हरियाणा से आगे ट्रकों का परिचालन पूरी तरह से बंद है। जो माल पहले दिल्ली-हरियाणा या दिल्ली-पंजाब होते हुए जाता है। अब उसको जिंद, रोहतक, अंबाला, पानीपत रूटों से भेजा जा रहा है। कुछ जगहों पर तो गांव के रास्ते से ट्रक निकाले जा रहे हैं। इससे सामान को तय समय में भेजना काफी मुश्किल हो रहा है। जो ट्रक रास्ते में फंसे हैं, उनकी सुरक्षा को लेकर मालिक चिंतित हैं।

उद्योग के लिए कच्चे माल की परेशानी बढ़ेगी
जम्मू-कश्मीर और हिमाचल से आने वाले फलों की खेप प्रभावित हो रही है। मेरठ ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन अध्यक्ष गौरव शर्मा ने बताया कि किसानों का प्रदर्शन लंबा चलने से व्यापारियों के सामने उद्योग चलाने के लिए कच्चे माल की कमी हो रही है। पिछले कई दिनों से माल की बुकिंंग बंद है। ट्रक शंभू बार्डर पर फंसे है। इससे फैक्ट्रियों को जहां कच्चा माल व शहर को जरूरी सामान नहीं मिल पा रहा है। ऐसा ही हाल शहर से जाने वाले सामान का है। 

किसान आंदोलन के चलते बढ़ गया ट्रक भाड़ा 
फल आढ़ती अशोक कुमार ने बताया कि किसान आंदोलन के चलते ट्रक भाड़ा बढ़ गया है। फल के प्रयोग की एक निश्चित अवधि होती है। उसके बाद फल खराब हो जाता है। मंडी में सामान्य रूप से प्रतिदिन फलों के 20 ट्रक आते हैं। इस समय अधिकांश ट्रक फंसे हुए हैं। जो समय से नहीं पहुंच पा रहे हैं। रास्ते में अधिक समय लगने से माल को तुरंत बेचना मजबूरी है।
हिमाचल और जम्मू कश्मीर से आने वाला सेब मंडी में 110 रुपए प्रति किलो था जो बढ़कर 130-150 रुपए प्रति किलो हो गया। पपीता 10-20 रुपए प्रति किलो से बढ़कर 30-.35 रुपए प्रति किलो हो गया है। संतरा का सीजन है इसके बावजूद दाम 50-60 रुपए प्रति किलो रहे। रविवार तक इसका दाम 30-40 रुपए प्रति किलो थे।

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