Meerut News : मेरठ डीएम ने स्टांप शुल्क घोटाला मामले में चारों टोल प्लाजा संचालकों को भेजा नोटिस

UPT | टोल प्लाजा संचालकों ने किया स्टॉप शुल्क चोरी।

Nov 09, 2024 22:35

मेरठ रजिस्ट्री विभाग के बाद डीएम ने चारों टोल प्लाजा संचालक को नोटिस जारी किया है। अब इन टोल प्लाजा संचालकों से करोड़ों का जुर्माना वसूलने के लिए जिला प्रशासन ने तैयारी शुरू की

Short Highlights
  • टोल प्लाजा में स्टॉप शुल्क चोरी करने का मामला 
  • जुर्माना वसूली की तैयारी में मेरठ जिला प्रशासन 
  • सिवाया टोल पर 25 करोड के स्टांप चोरी का मामला 
Meerut News : मेरठ के चारों टोल प्लाजा पर स्टांप शुल्क चोरी का मामला प्रकाश में आया है। टोल प्लाजा संचालकों द्वारा स्टांप शुल्क में चोरी का मामला डीएम कार्यालय पहुंचा तो इसकी जांच शुरू की गई है। मेरठ रजिस्ट्री विभाग के बाद डीएम ने चारों टोल प्लाजा संचालक को नोटिस जारी किया है। अब इन टोल प्लाजा संचालकों से करोड़ों का जुर्माना वसूलने के लिए जिला प्रशासन ने तैयारी शुरू की है।

सिवाया टोल का ठेका 2016-2017 में 
सिवाया टोल का ठेका 2016-2017 में एनएचएआई द्वारा हुआ था। उसके बाद मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेसवे स्थित काशी टोल प्लाजा, शामली रोड स्थित भूनी टोल प्लाजा और मवाना रोड स्थित भैसा गांव के पास टोल प्लाजा का ठेका हुआ था। निबंधन विभाग ने स्टांप एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। टोल कंपनी अनुबंध स्टांप एक्ट को मानने को तैयार नहीं है। यह मामला इस समय कोर्ट में विचाराधीन है। 

25 करोड़ 13 लाख से अधिक के स्टांप चोरी का आरोप 
सिवाया टोल पर रजिस्ट्री विभाग ने 25 करोड़ 13 लाख से अधिक के स्टांप चोरी का आरोप लगाया है। सिवाया टोल सहित चारों टोल प्लाजा को रजिस्ट्री विभाग ने नोटिस भेजा हुआ था। चारों टोल प्लाजा पर रजिस्ट्री विभाग ने जुर्माना लगाया है। जिस पर टोल कंपनी जवाब देने को तैयार नहीं। मामले की जानकारी लगने पर शुक्रवार को रजिस्ट्री विभाग के पत्र का हवाला देते हुए टोल कंपनी को नोटिस जारी किया गया।

जुर्माना जमा न करने पर आगे की कार्रवाई हो सकती है
टोल संचालकों द्वारा जुर्माना जमा न करने पर आगे की कार्रवाई हो सकती है। इसी प्रकरण की जांच कराने की जिम्मेदारी एडीएम वित्त सूर्यकांत त्रिपाठी को डीएम ने सौंपी है। डीएम दीपक मीणा ने बताया कि एआईजी, डीआईजी स्टांप द्वारा जारी पत्र में जुर्माना जमा करने की कही गई है। टोल कंपनी रीवा बनाम मध्य प्रदेश राज्य मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत टोल की स्टांप देना सुनिश्चित किया जाए। इस आदेश के बाद अब सभी पुराने मामलों की पड़ताल शुरू की जाएगी। 

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