मेरठ में उत्तर प्रदेश संघर्ष समिति की बैठक : दवा व्यापारियों की समस्याओं पर चर्चा, राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत संगठन की मांग

UPT | उत्तर प्रदेश संघर्ष समिति बैठक

Aug 05, 2024 16:06

मेरठ के बॉम्बे बाजार स्थित चैंबर ऑफ कॉमर्स के मीटिंग हॉल में सोमवार को उत्तर प्रदेश संघर्ष समिति की कार्य परिषद की बैठक आयोजित की गई। बैठक में मुख्य प्रस्ताव यह था कि राष्ट्रीय स्तर पर...

Meerut News : मेरठ के बॉम्बे बाजार स्थित चैंबर ऑफ कॉमर्स के मीटिंग हॉल में सोमवार को उत्तर प्रदेश संघर्ष समिति की कार्य परिषद की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों के साथ-साथ अन्य प्रांतों के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया। बैठक में मुख्य प्रस्ताव यह था कि राष्ट्रीय स्तर पर एक मजबूत संगठन ही रोजमर्रा की समस्याओं के समाधान का एकमात्र साधन है। इस  प्रस्ताव के साथ-साथ चार अन्य महत्वपूर्ण समस्याओं पर भी चर्चा की गई, जिसमें एक्सपायरी के क्लेम के लिए समय सीमा समाप्त करने, डॉक्टरों को सीधी सप्लाई न करने, कंपनियों द्वारा अपनी मर्जी से माल न भेजकर व्यापारी के ऑर्डर के अनुसार सप्लाई करने तथा ऑनलाइन दवा की बिक्री को बंद करने की मांग रखी गई।

स्वागत समारोह
सम्मेलन का प्रारंभ भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलित कर राष्ट्रगान से हुआ। इस दौरान सभी प्रतिनिधियों ने देशभक्ति के साथ अपनी समस्याओं पर चर्चा की। उत्तर प्रदेश संघर्ष समिति के संस्थापक गोपाल अग्रवाल ने संगठन के गठन के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि समस्याओं के समाधान के लिए एक ईमानदार मंच की आवश्यकता है।

दवा व्यापारियों की मांगें
दवा व्यापारियों ने अपनी मुख्य समस्याओं पर जोर देते हुए कहा कि दवा निर्माता अपने मुनाफे के लालच में बाजार के सामने बार-बार कठिनाइयां उत्पन्न करते हैं। व्यापारियों ने आरोप लगाया कि दवा कंपनियां डॉक्टरों के माध्यम से अपने उत्पादों का प्रचार करती हैं और डॉक्टर अपने मर्जी के अनुसार दवाइयों का पर्चा लिखते हैं। इससे दवा व्यापारियों के सामने कठिनाइयाँ उत्पन्न होती हैं। डॉक्टरों के क्लीनिक से दवा बेचने के कारण बाजार में एकाधिकार की स्थिति बन जाती है और मरीजों को दोबारा दवा खरीदने में परेशानी होती है।

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प्रतिनिधियों का संबोधन
ऑल इंडिया केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट फेडरेशन के पदाधिकारियों में पश्चिम बंगाल के जयदेव सरकार, महाराष्ट्र के नरेंद्र जैन और दिल्ली के कैलाश गुप्ता ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में संघर्ष समिति ने मजबूत संगठन की नींव रखी है। इसे आगे बढ़ाकर राष्ट्रीय स्तर पर दवा व्यापारियों के पक्ष में एक माहौल पैदा किया जाएगा। अन्य प्रांतों के प्रतिनिधियों में छत्तीसगढ़ से देवराज, मध्य प्रदेश से विष्णु सिंहल, हरियाणा से राजकुमार आदि ने भी इस कथन पर विश्वास दिलाया कि संगठन को पूरे देश में विकसित किया जाएगा।

संगठन का महत्व 
संघर्ष समिति के संयोजक कानपुर के राजेंद्र सैनी ने अपने संबोधन में कहा कि एक माह में संगठन का फैलाव प्रदेश के कोने-कोने तक पहुंचाने का कार्य कठिन होने के बावजूद समस्याओं से छुटकारा पाने की व्याकुलता से आशा की किरण उपजी है। प्रदेश के दवा व्यापारी एकजुट होकर इस मंच पर आए हैं और संघर्ष समिति भी उनसे अपेक्षाओं पर खरा उतरने का वायदा करती है।

संगठन की मजबूती
उत्तर प्रदेश केमिस्ट फेडरेशन के पूर्व अध्यक्ष जनपद जालौन के केके गहोही और कानपुर से मीडिया प्रभारी सुमित पाहवा ने भी सभा को संबोधित किया। उन्होंने दवा व्यापारियों की समस्याओं को प्रमुखता से उठाते हुए कहा कि दवा कंपनियों को व्यापारियों के ऑर्डर के अनुसार सप्लाई करनी चाहिए और ऑनलाइन दवा बिक्री को बंद करना चाहिए।

व्यवस्था और सम्मान
सभा की सफलता के लिए व्यवस्था बनाने में मेरठ केमिस्ट संघर्ष समिति के रामावतार तोमर, सुधीर चौधरी, मनोज अग्रवाल, अरुण शर्मा, अंकुर सारण, ललित गुप्ता, अभिनव शर्मा, कविराज मलिक, संजय चौधरी आदि को मंच पर सम्मानित किया गया।

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