Meerut News : विकसित भारत 2047 की संकल्पना में मुस्लिम युवाओं की भूमिका महत्वपूर्ण

UPT | मुस्लिम वर्ग के युवाओं पर अधिक फोकस

Nov 09, 2024 22:56

खासकर मुस्लिम वर्ग के युवाओं पर अधिक फोकस किया जा रहा है। ये कहना है प्रो बंदिनी कुमारी का जो कि समाज शास्त्र की प्रोफेसर हैं और विकसित भारत 2047 में युवाओं की भूमिका पर शोघ कर रही हैं।

Short Highlights
  • 2047 में देश की आजादी को पूरे होंगे सौ साल 
  • भारतीय मुस्लिम युवा विकसित भारत निर्माण में महत्वपूर्ण
  • 'विकसित भारत @2047' भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना और दृष्टिकोण 
Meerut News : 'विकसित भारत @2047' भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना और दृष्टिकोण है। जिसका उद्देश्य 2047 तक भारत को एक विकसित और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाना है। 2047 का वर्ष भारत की स्वतंत्रता के 100 साल पूरे होने का प्रतीक होगा। इसमें हर वर्ग के युवाओं की भागीदारी पर विचार किया जा रहा है। खासकर मुस्लिम वर्ग के युवाओं पर अधिक फोकस किया जा रहा है। ये कहना है प्रो बंदिनी कुमारी का जो कि समाज शास्त्र की प्रोफेसर हैं और विकसित भारत 2047 में युवाओं की भूमिका पर शोघ कर रही हैं।

विभिन्न क्षेत्रों में वैश्विक स्तर पर अग्रणी बनाने का लक्ष्य रखा
महानगर के एक निजी विवि में पहुंचने पर प्रो. बंदिनी कुमारी ने विकसित भारत 2047 में युवाओं की भूमिका पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि इस समय सीमा तक देश को विभिन्न क्षेत्रों में वैश्विक स्तर पर अग्रणी बनाने का लक्ष्य रखा गया है। विकसित भारत की यात्रा अनेक पड़ावों से होकर गुजरती है जिनमें पहली है भारत को एक मजबूत आर्थिक शक्ति बनाना, जिसमें सभी क्षेत्रों में संतुलित और समावेशी विकास हो। इस क्रम में “मेक इन इंडिया”, “स्टार्टअप इंडिया”, और “आत्मनिर्भर भारत” जैसे अभियानों के तहत भारत को वैश्विक विनिर्माण और नवाचार का केंद्र बनाना। “विकसित भारत @2047” की यह योजना भारत को न केवल आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की है, बल्कि हर क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और विकास की ओर ले जाने का दृष्टिकोण है। 

उनकी भागीदारी सुनिश्चित करना बड़ा कदम
भारतीय मुस्लिम युवा इस विकसित भारत की संकल्पना में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उनकी भागीदारी सुनिश्चित करना विकास और समावेशिता की दिशा में एक बड़ा कदम हो सकता है। कुछ मुख्य क्षेत्र  हैं जिन पर भारतीय मुस्लिम युवाओं का योगदान इस योजना में विशेष  हो सकता है जैसे शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में मुस्लिम युवाओं को अभिप्रेरित करना इस दिशा में अहम हो सकता है। उच्च शिक्षा में उनकी भागीदारी बढ़ाकर, विशेषकर STEM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) क्षेत्रों में, वे देश की तकनीकी उन्नति में प्रमुख योगदान दे सकते हैं।

मौजूदा शिक्षा व्यवस्था  में सुधार के लिए विभिन्न योजनाओं
इसके लिए मौजूदा शिक्षा व्यवस्था  में सुधार के लिए विभिन्न योजनाओं जैसे “राष्ट्रीय शिक्षा नीति” और “स्किल इंडिया” के तहत विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। भारतीय मुस्लिम युवाओं को इन अवसरों का लाभ उठाना चाहिए। मुस्लिम युवा आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर रहकर स्वयं का और अपने समुदाय का उत्थान करने के साथ ही राष्ट्र के विकास में अहम भूमिका निभा सकते हैं, अतः मुस्लिम युवाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए उद्यमिता को बढ़ावा देना भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक कदम हो सकता है।

स्टार्टअप इंडिया, मेक इन इंडिया
स्टार्टअप इंडिया, मेक इन इंडिया जैसे अभियानों में भागीदारी बढ़ाने से न केवल उनकी आर्थिक स्थिति सशक्त होगी, बल्कि वे देश की आर्थिक प्रगति में योगदान कर सकते हैं। मुस्लिम महिलाओं के सशक्तिकरण में योगदान करना भी मुस्लिम युवाओं की एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी हो सकती है। शिक्षा, रोजगार और सामाजिक अधिकारों में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने से एक समृद्ध और समावेशी समाज का निर्माण होगा। 

भारतीय मुस्लिम युवा विकसित भारत की संकल्पना
भारतीय मुस्लिम युवा विकसित भारत की संकल्पना में एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। शिक्षा, आर्थिक सशक्तिकरण, तकनीकी क्रांति, और सामाजिक नेतृत्व में उनकी सक्रिय भागीदारी न केवल उनके समुदाय के लिए, बल्कि पूरे देश के विकास के लिए अत्यधिक आवश्यक है। यदि वे अवसरों का सही उपयोग करते हैं और राष्ट्र निर्माण की इस यात्रा में सकारात्मक भूमिका निभाते हैं, तो 2047 का विकसित भारत निश्चित रूप से एक समावेशी और सशक्त राष्ट्र होगा। 

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