Darul Uloom News : गजवा ए हिंद विवाद : मजलिस-ए-शूरा की बैठक में दारुल उलूम लेगा बड़ा निर्णय!

UPT | देवबंद स्थित दारुल उलूम

Feb 29, 2024 23:43

माना जा रहा है कि मजलिश-ए-शूरा की इस तीन दिवसीय बैठक में शूरा कमेटी कई अहम फैसले… 

Short Highlights
  • गजवा-ए-हिंद का पक्ष लेने के मामले ने पकड़ा तूल
  • तीन दिवसीय मजलिस-ए-शूरा की बैठक का दूसरा दिन
  • दारुल उलूम की बैठक में लिए जाएंगे कई अहम फैसले
Darul Uloom News : देवबंद स्थित मुस्लिम की सबसे बड़ी शिक्षण संस्थान दारुल उलूम के गजवा-ए-हिंद का महिमामंडन करने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। दारुल-उलूम ने इस मामले में बुधवार को तीन दिवसीय मजलिश-ए-शूरा की बैठक बुलाई है। आज मजलिश-ए-शूरा की बैठक का दूसरा दिन है। देवबंद स्थित उलूम की मजलिस-ए-शूरा(एग्जीक्यूटिव कमेटी) की बैठक में विभागाध्यक्षों द्वारा अपनी रिपोर्ट पेश करने के अलावा शूरा सदस्यों द्वारा विचार मंथन किया जाएगा। माना जा रहा है कि मजलिश-ए-शूरा की इस तीन दिवसीय बैठक में शूरा कमेटी कई अहम फैसले लेगी। 

दारुल उलूम के मेहमान खाना में चल रही बैठक
मजलिश-ए-शूरा की बैठक दारुल उलूम के मेहमान खाने में चल रही है। बैठक में शिक्षा विभाग के प्रभारियों ने रिपोर्ट प्रस्तुत की है। जिस पर सदस्यों ने गहनता से विचार मंथन किया है। संभावना जताई जा रही है कि शूरा सदस्य हाल में गजवा-ए-हिंद पर उठे विवाद पर कोई निर्णय ले सकते हैं। इसमें दारुल उलूम के मोहतमिम मौलाना अबुल कासिम नोमानी, मौलाना अरशद मदनी, मौलाना महमूद मदनी, मौलाना बदरुद्दीन अजमल, मौलाना अनवार, मौलाना इब्राहीम, मौलाना अब्दुल अलीम फारुकी, मौलाना आकिल, मौलाना रहमतुल्ला कश्मीरी, मौलाना कलीमउल्लाह अलीगढ़ी और मुफ्ती शफीक आदि मौजूद रहे।

हदीस के हवाले से दिए जवाब का उल्लेख
गजवा-ए-हिंद को लेकर दारुल उलूम विवाद में फंस गया है। दारुल उलूम ने ने इस बारे में अपना लिखित जवाब डीएम और एसएसपी को भेजा। जिसमें हदीस के हवाले से जवाब का उल्लेख किया गया है।
मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने बताया कि जांच के लिए पहुंचे एसडीएम देवबंद अंकुर वर्मा और सीओ अशोक सिसोदिया को मौखिक रूप से जवाब दिया था। इसके बाद डीएम और एसएसपी को लिखित जवाब भेज दिया गया। जो उर्दू और अंग्रेजी भाषाओं में है। 
इसमें बताया गया है कि संस्था ने वर्ष 2015 में वेबसाइट पर एक व्यक्ति द्वारा पूछे गए सवाल पर जो जवाब दिया था वो उनकी निजी राय नहीं थी। बल्कि जो कुछ हदीस में लिखा हुआ है, उसकी नकल थी। उससे वर्तमान का दूर-दूर तक का वास्ता नहीं है। इससे साथ मोहतमिम मौलाना अबुल कासिम नोमानी ने यह भी कहा कि वह मामले को लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। 

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