नगर पालिका के वार्ड नं, 11 अम्बेडकर नगर में बांस - बल्लियों के सहारे झूलते करंट प्रवाहित तारों को आसानी से देखा जा सकता है। क्योंकि बिजली खंभा लगाने न तो बिजली विभाग ध्यान दे रहा है और न ही नगरपालिका कोई पहल कर रही है।
Aug 02, 2024 18:22
नगर पालिका के वार्ड नं, 11 अम्बेडकर नगर में बांस - बल्लियों के सहारे झूलते करंट प्रवाहित तारों को आसानी से देखा जा सकता है। क्योंकि बिजली खंभा लगाने न तो बिजली विभाग ध्यान दे रहा है और न ही नगरपालिका कोई पहल कर रही है।
Sonbhadra News : नगर पालिका के वार्ड नं 11, अम्बेडकर नगर में बांस और बल्लियों के सहारे झूलते करंट प्रवाहित तारों की समस्या ने लोगों की ज़िंदगी को खतरे में डाल दिया है। बिजली के खंभे लगाने की जिम्मेदारी न तो बिजली विभाग ले रहा है और न ही नगरपालिका इस पर कोई पहल कर रही है। बिना स्थायी बिजली कनेक्शन के रहना भी स्थानीय निवासियों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है।
झूल रहे करंट प्रवाहित तार
वर्तमान में बांस और बल्लियों पर लगे तारों की स्थिति काफी दयनीय है। कई महीनों से ये बांस और बल्लियाँ अब सड़ने लगी हैं, और करंट प्रवाहित तार झूल रहे हैं। इस स्थिति में तार कभी भी टूट सकते हैं, जिससे किसी के जान-माल को खतरा हो सकता है। स्थानीय निवासी रमेश केसरी का कहना है कि स्थायी बिजली खंभे न लगने के कारण दुर्घटनाओं की संभावना हमेशा बनी रहती है।
आक्रोशित निवासियों ने किया प्रदर्शन
स्थानीय निवासियों की चिंता को देखते हुए, शुक्रवार को अम्बेडकर नगर वार्ड नं 11 के आक्रोशित निवासियों ने बिजली विभाग और जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही बिजली के खंभे नहीं लगाए गए और बिजली सप्लाई बहाल नहीं की गई, तो वे सड़क जाम करने को बाध्य होंगे।
ये सभी रहे शामिल
प्रदर्शन में शामिल लोगों में रमेश केसरी, छेदी प्रसाद, प्रेमनाथ, दशरथ, पुष्पा, उषा, ललित, अनीता देवी, मालती, डोली, माधुरी देवी, गंगाजलि, पप्पू, संजय घनश्याम चौरसिया, पिंटू, राजू, राजकुमारी, रामबाबू, वैष्णवी, प्रवीण, रवि, राम, राकेश, रामकिशन, और प्रह्लाद शामिल थे।
बिजली विभाग पर लापरवाही का आरोप
स्थानीय निवासियों का आरोप है कि विभागीय उदासीनता के चलते उन्हें जान जोखिम में डालकर रहना पड़ रहा है। विशेष रूप से बरसात के मौसम में, अस्त-व्यस्त तारों के टूटने और करंट प्रवाहित होने का खतरा बढ़ जाता है। इस स्थिति को देखते हुए, बिजली विभाग और जिला प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की जा रही है।