मुरादाबाद लोकसभा : भाजपा उम्मीदवार को हराकर रूचि वीरा पहली बार बनी सांसद, रोचक मुकाबले में फिर से सपा के खाते में गई सीट

UPT | रूचि वीरा

Jun 05, 2024 01:26

रुचि वीरा की राजनीतिक पारी की बात करें तो रूचि वीरा ने अपनी पारी की शुरुआत समाजवादी पार्टी से की थी। रूचि वीरा मूलतः बिजनौर की रहने वाली हैं। लेकिन उन्होंने अपनी पढ़ाई मुरादाबाद से की

Short Highlights
  • रूचि वीरा ने इस चुनाव को 1 लाख 5 हजार 762 वोटों से जीत लिया है।
  • साल 2019 के चुनाव में रूचि वीरा ने आंवला लोकसभा सीट से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था।

 

Loksabha Chunav : मुरादाबाद लोकसभा सीट पर चुनाव से ही भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच कड़ी टक्कर देखी जा रही थी। लेकिन इस टक्कर में सपा की रूचि वीरा ने भाजपा के उम्मीदवार कुंवर सर्वेश कुमार सिंह को हरा दिया है। रूचि वीरा ने इस चुनाव को 1 लाख 5 हजार 762 वोटों से जीत लिया है। रूचि वीरा इस चुनाव को जीतकर पहली बार सांसद बनी हैं। इससे पहले उन्होंने लोकसभा का चुनाव जरूर लड़ा है, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली थी। मुरादाबाद लोकसभा सीट पर चुनाव के ठीक बाद दुखद घटना घटी और भाजपा के प्रत्याशी कुंवर सर्वेश कुमार सिंह का निधन हो गया था।

राजनीतिक पारी की बात करें तो रूचि वीरा ने अपनी पारी की शुरुआत समाजवादी पार्टी से की थी। रूचि वीरा मूलतः बिजनौर की रहने वाली हैं। लेकिन उन्होंने अपनी पढ़ाई मुरादाबाद से की। रूचि वीरा ने अपना पहला चुनाव साल 2014 में जीता था। 2014 में बिजनौर विधानसभा सीट पर हुए उप चुनाव में उन्होंने जीत हासिल की थी। उन्होंने 2014 से 2017 तक बिजनौर विधानसभा का प्रतिनिधित्व किया। लेकिन उस चुनाव के बाद उनको अगले ही चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। 2017 के चुनाव में वो विधानसभा का अपना चुनाव हार गई थी।

बसपा से लड़ चुकी हैं लोकसभा चुनाव
साल 2019 के चुनाव में रूचि वीरा ने आंवला लोकसभा सीट से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था। लेकिन इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। भाजपा के धर्मेंद्र कुमार ने रूचि वीरा को 1 लाख से ज्यादा मतों से चुनाव में हरा दिया था। साल 2017 और 2012 के चुनाव में भी बिजनौर विधानसभा से उन्होंने सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन जीत हासिल नहीं हो पाई थी। लेकिन बाद में 2014 में इस सीट पर उपचुनाव हुए और उस चुनाव में जीत हासिल कर के रूचि वीरा विधायक बनी थीं।

लोकसभा चुनाव की वोटिंग से पहले मुरादाबाद में सियासी माहौल बहुत गरम हो गया था। समाजवादी पार्टी ने 24 घंटे में दो टिकट देकर अंदरखाने पार्टी में ही विरोध और नाराजगी को बढ़ा दिया था। सपा ने पहले सिटिंग सांसद एसटी हसन को उम्मीदवार बनाया था जबकि बाद में उनका टिकट काट दिया गया था। एसटी हसन ने अपना नामांकन पत्र भी दाखिल कर दिया था। लेकिन बाद में अचानक हसन का टिकट काटकर रुचि वीरा को उम्मीदवार बनाया गया था। जिसके बाद रूचि वीरा ने अपना नामांकन दाखिल किया था।

सपा-बसपा से हो चुकी हैं निष्कासित
रूचि वीरा कई बार पार्टियां बदल चुकी हैं। सपा और बसपा में आना जाना लगा रहा है। साल 2015 में समाजवादी पार्टी ने उन्‍हें पार्टी से निलंबित कर दिया था। रूचि वीरा पर आरोप था कि वो पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल थी। सपा से निलंबन के बाद उन्होंने बसपा का दामन थाम लिया था। साल 2022 के विधानसभा चुनाव में बसपा ने रूचि वीरा को बिजनौर से अपना प्रत्‍याशी बनाया था लेकिन उस चुनाव में उन्‍हें हार का सामना करना पड़ा था। जिसके बाद 2023 में बहुजन समाज पार्टी ने भी रूचि वीरा को पार्टी से निष्कासित कर दिया। उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए पार्टी से निष्कासित किया गया था। जिसके बाद रूचि वीरा ने समाजवादी पार्टी में वापसी की।

करोड़ों की मालकिन है रूचि वीरा
नामांकन के समय रूचि वीरा ने अपना हलफनामा दायर किया था। जिसके अनुसार रूचि वीरा 10 करोड़ 17 लाख 39 हजार 391 रुपये की संपत्ति की मालिक हैं। इसके अलावा रूचि वीरा के पास चल संपत्ति में तीन असलहे भी हैं, जिनमें एक दोनाली बंदूक, एक रिवॉल्वर साथ ही एक रायफल शामिल है। गाड़ियों की बात करें तो रूचि वीरा के पास एक ट्रैक्टर और एक कार है। इसके साथ ही 1600 ग्राम सोना व छह किलो चांदी है। रूचि वीरा के पति के पास कुल 17 करोड़ 88 लाख 48 हजार 929 रुपये की संपत्ति है।

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