गजरौला नगर पालिका में ईओ और पालिकाध्यक्ष में विवाद : एक ने डीपीआर तो दूसरे ने वेतन रोका

UPT | अमरोहा शहर

Sep 26, 2024 13:34

गजरौला नगर पालिका में अधिशासी अधिकारी और पालिकाध्यक्ष के संबंधों में कड़वाहट है। इसके कारण नगर पालिका के कामकाज प्रभावित हो रहे हैं। विवाद की शुरुआत तब हुई जब ईओ ने डीपीआर पर रोक लगा दी। इसके बाद पालिकाध्यक्ष ने वेतन वितरण पर रोक लगा दी।

Amroha News : उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के गजरौला शहर में स्थानीय नगर पालिका एक बार फिर विवादों के केंद्र में है। इस बार विवाद का कारण पालिकाध्यक्ष राजेंद्री उर्फ उमा देवी और अधिशासी अधिकारी (ईओ) दीपिका शुक्ला के बीच तनावपूर्ण संबंध हैं। यह तनाव इतना बढ़ गया है कि दोनों अधिकारियों ने एक-दूसरे के महत्वपूर्ण दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया है, जिससे नगर पालिका का कामकाज प्रभावित हो रहा है।

विकास योजना को लेकर मतभेद
नगर पालिका में तनाव का मुख्य कारण मुख्यमंत्री वैश्विक नगरोदय योजना के तहत तैयार की गई विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) है। पालिकाध्यक्ष राजेंद्री ने इस योजना के अंतर्गत एक महत्वाकांक्षी डीपीआर तैयार करवाई थी, जिसमें निम्नलिखित प्रोजेक्ट्स शामिल थे:
1. नया प्रशासनिक भवन
2. आधुनिक विवाह हॉल
3. रैन बसेरा
4. डिजिटल पुस्तकालय
5. खुला व्यायामशाला (ओपन जिम)
6. सार्वजनिक उद्यान

अधिशासी अधिकारी का विरोध
जब यह डीपीआर अधिशासी अधिकारी दीपिका शुक्ला के पास पहुंची, तो उन्होंने इसे योजना के नियमों के विपरीत बताते हुए रोक दिया। उनका कहना था कि इस योजना के तहत केवल प्रशासनिक भवन का निर्माण किया जा सकता है। साथ ही, उन्होंने डीपीआर में अधिशासी अधिकारी के आवास का प्रावधान न होने पर भी आपत्ति जताई।

पालिकाध्यक्ष ने हस्ताक्षर करने से इनकार किया
अधिशासी अधिकारी के इस कदम से नाराज होकर पालिकाध्यक्ष राजेंद्री ने भी जवाबी कार्रवाई की। उन्होंने अधिशासी अधिकारी के वेतन निकालने के लिए आवश्यक दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। इस प्रकार, दोनों अधिकारियों के बीच का विवाद एक गतिरोध में बदल गया। 


हालांकि, बाद में दोनों पक्षों ने अपने मतभेदों को सुलझाने का प्रयास किया। अधिशासी अधिकारी ने डीपीआर पर हस्ताक्षर कर दिए, जिसके बाद पालिकाध्यक्ष ने भी उनके वेतन निकालने के लिए आवश्यक दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कर दिए। 

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