अमरोहा में मोहन भागवत : स्कूल में बच्चे ने पूछा- 'आप देश के प्रधानमंत्री क्यों नहीं बने', जानें क्या दिया जवाब

UPT | अमरोहा में मोहन भागवत

Jul 30, 2024 21:38

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत मंगलवार को उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के चोटीपुरा स्थित श्रीमद्दयानंद कन्या गुरुकुल महाविद्यालय में एक विशेष समारोह में भाग लेने पहुंचे।

Short Highlights
  • अमरोहा में पहुंचे संघ प्रमुख मोहन भागवत 
  • प्रशासन ने की थी सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था
  • कई प्रशासनिक अधिकारी रहे उपस्थित
Amroha News : राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत मंगलवार को उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के चोटीपुरा स्थित श्रीमद्दयानंद कन्या गुरुकुल महाविद्यालय में एक विशेष समारोह में भाग लेने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने वहां की छात्राओं से संवाद किया और कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपने विचार साझा किए। संघ प्रमुख ने धर्म और देश के रिश्ते, नई शिक्षा नीति, और समाज के विकास पर अपने विचार रखे। समारोह में छात्रों द्वारा किए गए प्रश्नों के जवाब देते हुए भागवत ने इस बात पर जोर दिया कि धर्म और देश का संबंध अटूट है और धर्म का मूल उद्देश्य सत्य की प्राप्ति है।

देश और धर्म को बताया एक
मोहन भागवत ने अपने संबोधन में कहा कि देश और धर्म एक ही हैं और जबसे सृष्टि का निर्माण हुआ है, तबसे सनातन धर्म का अस्तित्व भी बना हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि संपूर्ण सृष्टि के निर्माण, संचालन, और विलीन होने के नियम को धर्म कहा जाता है। इस नियम के आधार पर कई रास्ते बनते हैं, और धर्म का लक्ष्य सत्य की खोज करना है। भागवत ने यह भी कहा कि नई शिक्षा नीति को लागू करने वालों को इस प्रकार के विद्यालयों में आकर व्यवस्था और शिक्षा की स्थिति को समझना चाहिए। उनके अनुसार, धर्म और शिक्षा का गहरा संबंध है और इसका सही अवलोकन आवश्यक है।

प्रधानमंत्री बनने के सवाल पर दिया जवाब
समारोह के दौरान, छात्राओं ने संघ प्रमुख मोहन भागवत से कई सवाल पूछे। एक छात्रा ने उनके नाम के भगवान से संबंधित प्रश्न किया, जिस पर भागवत ने मुस्कुराते हुए बताया कि उनका नाम उनके माता-पिता ने रखा था। एक अन्य छात्रा ने उनसे पूछा कि वे संघ के प्रमुख हैं, लेकिन प्रधानमंत्री क्यों नहीं बने। इस पर भागवत ने स्पष्ट किया कि संघ के निर्णयों में एक सामूहिक प्रक्रिया होती है और संघ ही प्रधानमंत्री पद पर उम्मीदवार का चयन करता है। उनके उत्तर ने यह स्पष्ट कर दिया कि संघ के भीतर व्यक्तिगत आकांक्षाओं से अधिक महत्वपूर्ण सामूहिक निर्णय होते हैं।

प्रशासन ने की थी सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था
मोहन भागवत के अमरोहा आगमन को लेकर प्रशासन ने व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की थी। कार्यक्रम स्थल से लेकर हाईवे तक, सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए 150 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी। अमरोहा प्रशासन ने सुरक्षा के लिहाज से नोडल अधिकारियों को नियुक्त किया था और पूरी सुरक्षा व्यवस्था को सुचारु रूप से संचालित किया गया। इस सुरक्षा तंत्र का उद्देश्य संघ प्रमुख की सुरक्षा को सुनिश्चित करना और किसी भी अप्रत्याशित घटना से बचाव करना था। श्रीमद्दयानंद कन्या गुरुकुल महाविद्यालय में मोहन भागवत ने यज्ञ में शामिल होकर धार्मिक अनुष्ठान को सम्पन्न किया। यज्ञशाला के चारों ओर CISF और पुलिस बल की तैनाती की गई थी, ताकि सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इसके बाद, भागवत ने महाविद्यालय में एक नए भवन 'संस्कृति नीडम' का उद्घाटन भी किया। सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेते हुए, उन्होंने कन्या गुरुकुल में सातवीं कक्षा की 134 छात्राओं का उपनयन संस्कार किया।

कई प्रशासनिक अधिकारी रहे उपस्थित
मोहन भागवत ने कार्यक्रम के दौरान भारतीय शिक्षा और संस्कृति के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञान देना नहीं, बल्कि एक ऐसे नैतिक और सांस्कृतिक वातावरण का निर्माण करना है जिसमें छात्र सामाजिक और धार्मिक मूल्यों को समझ सकें। उनके अनुसार, संस्कृति और शिक्षा का आपसी संबंध है और शिक्षा प्रणाली को भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों से जोड़ना आवश्यक है। उनके इस दृष्टिकोण ने दर्शकों को एक नई दिशा और प्रेरणा दी। इस विशेष अवसर पर अमरोहा के जिलाधिकारी राजेश कुमार त्यागी, मुरादाबाद मंडल के कमिश्नर आंजनेय कुमार, और पुलिस अधीक्षक कुँवर अनुपम सिंह भी उपस्थित थे।

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