अब ड्रैगन फ्रूट के लिए जाना जाएगा पश्चिम यूपी : किसानों ने शुरू की रोपाई, हर साल होगी लाखों की आमदनी

UPT | अब ड्रैगन फ्रूट के लिए जाना जाएगा पश्चिम यूपी

Oct 09, 2024 23:32

पश्चिमी यूपी अब गन्ने के साथ-साथ ड्रैगन फ्रूट के लिए भी जाना जाएगा। राज्य सरकार पारंपरिक खेती के अलावा अन्य कृषि के प्रति प्रोत्साहन देने के लिए औद्यानिक मिशन अभियान चला रही है

Bijnor News : पश्चिमी यूपी अब गन्ने के साथ-साथ ड्रैगन फ्रूट के लिए भी जाना जाएगा। राज्य सरकार पारंपरिक खेती के अलावा अन्य कृषि के प्रति प्रोत्साहन देने के लिए औद्यानिक मिशन अभियान चला रही है। इसी के तहत यहां के किसान बड़ी मात्रा में ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे हैं। बिजनौर के प्रगतिशील किसान ऋतुराज ने अपनी पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही गन्ने की खेती को छोड़कर ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू की है।

1600 पौधे लाकर की रोपाई
ऋतुराज ने यह खेती नहटौर क्षेत्र के उमरी गांव में शुरू की है। ऋतुराज का कहना है कि उन्होंने गुजरात से 1600 पौधे लाकर एक एकड़ में उनकी रोपाई की थी। इसके लिए एक एकड़ में 400 पोल खड़े किए गए और प्रति पोल पर चार पौधे कैक्टस बेल की तरह लगाए गए। हालांकि, अब पौधों पर फूल आना शुरू हो गए हैं और कुछ ही समय में ड्रैगन फ्रूट का उत्पादन भी होगा।

5 लाख की आई लागत
ऋतुराज ने बताया कि एक एकड़ में ड्रैगन फ्रूट की खेती करने के लिए लगभग पांच लाख रुपये की लागत आई है। फुटकर बाजार में ड्रैगन फ्रूट के एक पीस की कीमत 200 से 250 रुपये तक होती है। अप्रैल से अक्टूबर तक फल का उत्पादन होगा। ड्रैगन फ्रूट के पौधे की आयु 15 से 20 वर्ष होती है। ऋतुराज का कहना है कि पांचवें साल से उन्हें लगभग आठ लाख रुपये की सालाना संभावित आमदनी की उम्मीद है।

मंडी में महंगा बिकता है फल
उन्होंने बताया कि ड्रैगन फ्रूट का उत्पादन होने पर वह फल को बेचने के लिए बिजनौर और उत्तराखंड समेत बड़ी मंडियों में जाएंगे। वहां पर अच्छे दाम मिलने की पूरी उम्मीद है। उप कृषि निदेशक बिजनौर, गिरीशचंद का कहना है कि ड्रैगन फ्रूट की खेती बिजनौर के किसानों के लिए एक अच्छा संकेत है। सरकार की ओर से प्रोत्साहन के तौर पर औद्यानिक खेती करने वाले किसानों को अनुदान भी दिया जा रहा है। ड्रैगन फ्रूट मंडी में काफी महंगा बिकता है, जिससे किसानों की आय में काफी वृद्धि होगी।

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