यूपी का मिनी कार्बेट : अब घर बैठे अमानगढ़ जंगल सफारी के लिए कर सकेंगे बुकिंग, पर्यटकों को मिलेगा खास अनुभव

UPT | Jungle Safari

Oct 10, 2024 19:47

5 नवंबर से शुरू होने वाले पर्यटन सत्र के दौरान पर्यटक अब घर बैठे अपनी जंगल सफारी की बुकिंग कर सकेंगे। इस बार, 35 किमी की दूरी तक पर्यटक जिप्सी के माध्यम से जंगल और वहां के वन्य जीवों का अवलोकन कर पाएंगे...

Short Highlights
  • 15 नवंबर से शुरू होगा पर्यटन सत्र
  • अमानगढ़ टाइगर रिजर्व पर्यटकों के लिए तैयार
  • घर बैठे कर सकेंगे ऑनलाइन बुकिंग
Bijnor News : बिजनौर में अमानगढ़ को कार्बेट और दुधवा नेशनल पार्क की तर्ज पर ऑनलाइन पर्यटन के लिए तैयार किया जा रहा है। 15 नवंबर से शुरू होने वाले पर्यटन सत्र के दौरान पर्यटक अब घर बैठे अपनी जंगल सफारी की बुकिंग कर सकेंगे। इस बार, 35 किमी की दूरी तक पर्यटक जिप्सी के माध्यम से जंगल और वहां के वन्य जीवों का अवलोकन कर पाएंगे, जो कि उनकी यात्रा को और भी रोमांचक बनाएगा।

घर बैठे कर सकेंगे बुकिंग
इस बार अमानगढ़ पर्यटकों के लिए खास बनने जा रहा है, क्योंकि भीड़भाड़ की स्थिति में बिना बुकिंग के लौटने की समस्या खत्म हो जाएगी। वन विभाग ने अमानगढ़ के लिए एक ऑनलाइन बुकिंग पोर्टल विकसित करने की योजना बनाई है। तकनीकी टीम इस पोर्टल पर काम कर रही है, जिसमें बुकिंग, वेटिंग लिस्ट, जिप्सी की उपलब्धता और अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां उपलब्ध होंगी।



पर्यटन सत्र के साथ शुरू होगी बुकिंग
डीएफओ ज्ञान सिंह के अनुसार, ऑनलाइन बुकिंग आगामी पर्यटन सत्र के साथ शुरू की जाएगी। जंगल में पर्यटकों के लिए 35 किमी का ट्रैक निर्धारित किया गया है और एक जिप्सी में पांच लोगों को जाने की अनुमति होगी। इसके लिए पर्यटकों को 2280 रुपये का शुल्क अदा करना होगा, जिसमें प्रति पर्यटक 200 रुपये और गाइड के लिए 400 रुपये अलग से देने होंगे।

2012 में मिला टाइगर रिजर्व का दर्जा
बता दें कि अमानगढ़ रेंज कभी कार्बेट पार्क का हिस्सा हुआ करती थी, लेकिन यूपी-उत्तराखंड बंटवारे के दौरान इसे बिजनौर में शामिल कर लिया गया। वर्तमान में इसका क्षेत्रफल 9500 हेक्टेयर है, जिसमें लगभग 8600 हेक्टेयर टाइगर रिजर्व के अंतर्गत आता है। इसे वर्ष 2012 में टाइगर रिजर्व का दर्जा भी प्राप्त हुआ था।

प्रवासी पक्षियों का बनता है निवास स्थान
गौरतलब है कि अमानगढ़ प्राकृतिक धरोहर से समृद्ध है, जहां पीली बांध भी स्थित है, जो सर्दियों में प्रवासी पक्षियों का निवास स्थान बनता है। यहां की जंगल में 32 बाघ और 100 से अधिक हाथी पाए जाते हैं। इसके अलावा, भालू, गुलदार और अजगर जैसे जीवों की भी एक बड़ी संख्या है, जबकि चीतल और हिरण के झुंड यहां आमतौर पर देखे जा सकते हैं।

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