बिजनौर पहुंचे राकेश टिकैत : पीड़ित परिवार से मिलकर दी सांत्वना, गुलदार के हमलों पर क्या बोले भाकियू नेता

UPT | भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत

Sep 04, 2024 19:26

उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में गुलदार के हमले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। बुधवार को भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत गुलदार के हमलों में मारे गए पीड़ितों के घर पहुंचे...

Bijnor News : उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में गुलदार के हमले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं, जिससे ग्रामीणों के बीच भय का माहौल बना हुआ है। गुलदार लगातार इंसानों और जानवरों को निशाना बना रहा है। बुधवार को भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत गुलदार के हमलों में मारे गए पीड़ितों के घर पहुंचे। राकेश टिकैत ने पीड़ित परिवार से मिलकर सांत्वना दी।

पीड़ितों के घरवालों से की मुलाकात
राकेश टिकेत ने बिजनौर पहुंचकर गुलदार के हमलों में मारे गए पीड़ितों के घरवालों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि गुलदार से बचने के लिए पिजरें दान करने चाहिए। जितने ज्यादा पिंजरे होंगे, गुलदार को पकड़ने की संभावना उतनी ज्यादा होगी। राकेश टिकेत ने कहा कि वह जिला प्रशासन से मुलाकात करेंगे और इस पर विचार-विमर्श करेंगे।
  टिकैत ने हादसों के बढ़ने की जताई आशंका
गुलदार के हमलों को लेकर कहा कि यह सब अप्रैल-मई में जाकर खत्म होगा। जब गेहूं की कटाई होगी तो खेत खाली हो जाएंगे। उस समय इनको पकड़कर जंगलों में छोड़ा जाएगा। इसमें गांव वालों और प्रशासन दोनों के सहयोग की जरूरत होगी। भाकियू नेता ने आगे कहा कि अगर प्रशासन ज्यादा पिंजरे लगवाता है तो इनको काबू में करना आसान होगा। अभी और हादसे बढ़ सकते हैं।



बिजनौर में गुलदार का आंतक जारी
बता दें कि गुलदार लगातार इंसानों और जानवरों को अपना शिकार बना रहा है, जिससे ग्रामीणों की चिंता बढ़ गई है। मंगलवार शाम को फिर नहटौर इलाके के शमशाबाद गांव में गुलदार ने आबादी में घुसकर दो गायों को अपना शिकार बना लिया। ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें गुलदार गांव के पास हर रोज दिखता है। गुलदार ने आबादी में घुसकर दो गायों को अपना शिकार बना लिया, जिससे दहशत का माहौल है।

सुरक्षा की मांग कर रहे हैं ग्रामीण
बिजनौर जिले में अब तक दो दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो चुकी हैं और सैकड़ों लोग घायल हो चुके हैं। वन विभाग की टीम गुलदार को पकड़ने के लिए निरंतर अभियान चला रही है, लेकिन हमलों में कोई कमी नहीं आई है। ग्रामीण गुलदार के आतंक के साए में जीने को मजबूर हैं और वन विभाग से सुरक्षा की मांग कर रहे हैं।

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