संभल में प्राचीन नक्शे के आधार पर होगा पुननिर्माण : 19 कूप, 68 तीर्थ स्थल और 52 सराय की होगी खोज

UPT | संभल डीएम राजेंद्र पेंसिया

Dec 19, 2024 13:52

उत्तर प्रदेश के संभल जिले में प्रशासन की ओर से अतिक्रमण हटाने और खुदाई के दौरान कई प्राचीन स्थल और मंदिरों के अवशेष मिले हैं...

Sambhal News : उत्तर प्रदेश के संभल जिले में प्रशासन की ओर से अतिक्रमण हटाने और खुदाई के दौरान कई प्राचीन स्थल और मंदिरों के अवशेष मिले हैं, जिनसे जिले के इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर के बारे में नई जानकारी प्राप्त हो रही है। हाल ही में यहां कुछ ऐसे मंदिर मिले हैं, जो दशकों से बंद पड़े थे, और अब इन मंदिरों की साफ-सफाई कर पूजा-पाठ की प्रक्रिया फिर से शुरू कर दी गई है। इस दौरान डीएम राजेंद्र पेंसिया ने संभल के पुनर्निर्माण की योजना के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी है।

प्राचीन नक्शे के आधार पर किया जाएगा जीर्णाेंद्धार
डीएम ने बताया कि संभल का जीर्णाेंद्धार प्राचीन नक्शों के आधार पर किया जाएगा। जिसमें 19 कूप, 68 तीर्थ स्थल, 36 पुरी और 52 सराय के बारे में उल्लेख किया गया है। इन नक्शों को ध्यान में रखते हुए प्रशासन इन सभी स्थानों की पहचान करेगा।  डीएम राजेंद्र पेंसिया ने कहा, "संभल के प्राचीन नक्शों में जिन स्थानों का उल्लेख है उनकी पहचान की जाएगी और उनका संरक्षण किया जाएगा। ये सभी स्थान हमारी सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा हैं, जिन्हें हमारे पूर्वजों ने हमें सौंपा है। इन स्थलों का पुनर्निर्माण और जीर्णोद्धार हमारी जिम्मेदारी है। हम इन जगहों पर श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए बेहतर सुविधाएं भी प्रदान करेंगे।

वर्षों से बंद मंदिर में फिर से शुरू हुई पूजा अर्चना
संभल में शनिवार को एक प्राचीन शिव मंदिर मिला था जो वर्षों से बंद पड़ा हुआ था। यह मंदिर बहुत समय से उपेक्षित था, लेकिन प्रशासन ने इसे फिर से खोला और मंदिर की साफ-सफाई कराई। मंदिर के पास एक कूप भी मिला, जिसमें माता पार्वती, भगवान गणेश और भगवान कार्तिकेय की मूर्तियां पाई गईं। इस खोज ने जिले के धार्मिक और सांस्कृतिक इतिहास को उजागर किया है। इसके अलावा एक अन्य इलाके में राधा-कृष्ण मंदिर भी मिला जिसे कई वर्षों से ताले में बंद रखा गया था। प्रशासन ने इस मंदिर का ताला भी खुलवाया और वहां पूजा की शुरुआत की।



खोदाई के काम में आई तेजी
इसके अलावा, संभल के प्रशासन ने इस पूरे इलाके में खुदाई के काम को तेज कर दिया है, ताकि और भी प्राचीन कूप, मंदिर और अन्य धार्मिक स्थल मिल सकें। इन स्थलों की खोज के साथ-साथ प्रशासन इस बात का भी ध्यान रखेगा कि इन स्थानों की सांस्कृतिक और धार्मिक महत्विता को बरकरार रखा जाए और इनका संरक्षण किया जाए। संभल जिले में हो रहे इस ऐतिहासिक पुनर्निर्माण कार्य से न केवल क्षेत्रीय इतिहास को नई पहचान मिलेगी, बल्कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए एक नई आकर्षण का केंद्र भी बनेगा। 

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