लंबी छुट्टी के बाद एसपी इल्मा अफरोज की वापसी : कांग्रेस विधायक से विवाद के बाद चर्चा में आईं, बद्दी में फिर संभालेंगी कमान

UPT | एसपी इल्मा अफरोज

Dec 17, 2024 20:13

 हिमाचल प्रदेश के पुलिस जिला बद्दी की एसपी इल्मा अफरोज मंगलवार (17 दिसंबर) को सुबह शिमला स्थित पुलिस मुख्यालय (PHQ) पहुंचीं...

Moradabad News : हिमाचल प्रदेश के पुलिस जिला बद्दी की एसपी इल्मा अफरोज मंगलवार (17 दिसंबर) को सुबह शिमला स्थित पुलिस मुख्यालय (PHQ) पहुंचीं। यहां उन्होंने कई अधिकारियों से मुलाकात की और राज्य के पुलिस प्रशासन के मामलों पर चर्चा की। पुलिस सूत्रों के अनुसार, इल्मा अफरोज जल्द ही अपना कार्यभार फिर से संभाल लेंगी। वह सोमवार शाम को बद्दी से शिमला लौटी थीं। 42 दिनों तक छुट्टी पर रहने के बाद, उनकी छुट्टी 18 दिसंबर को समाप्त होने वाली थी, लेकिन वह दो दिन पहले ही शिमला पहुंच गईं।

अचानक छुट्टी पर जाने का किया फैसला
दरअसल, 6 नवंबर को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुए डीसी-एसपी सम्मेलन में भाग लेने के बाद, इल्मा ने अचानक छुट्टी पर जाने का फैसला किया। शिमला से लौटने के बाद वह बद्दी से सीधे उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के कुंदरकी गांव चली गईं और अपनी मां के साथ कुछ समय बिताया। उन्होंने अपनी छुट्टियों को 7 से 22 नवंबर तक बढ़ाया और इसके बाद उन्हें 4 और बार बढ़ाया गया। इस अचानक छुट्टी पर जाने के कारण इल्मा अफरोज चर्चा का विषय बन गईं। उनकी छुट्टियों के बाद, सरकार ने विनोद कुमार को बद्दी का एसपी नियुक्त किया था, जिससे प्रदेश में राजनीति भी गर्मा गई थी।



कांग्रेस विधायक से हुआ था विवाद
गौरतलब है कि इल्मा अफरोज और दून के कांग्रेस विधायक राम कुमार चौधरी के बीच विवाद का कारण एक घटना थी। अगस्त 2024 में, इल्मा ने अवैध खनन की कुछ गाड़ियों के चालान काटे थे, जिनमें विधायक की पत्नी की गाड़ियां भी शामिल थीं। इस पर विधायक राम कुमार चौधरी ने एसपी के खिलाफ विधानसभा सत्र के दौरान गंभीर आरोप लगाए थे और प्रिविलेज मोशन के तहत एसपी का विशेषाधिकार हनन का नोटिस भी जारी किया था। इससे दोनों के बीच विवाद और बढ़ गया था।

बद्दी में हुआ गोलीकांड
इसी दौरान बद्दी में एक गोलीकांड हुआ, जिसमें स्क्रैप व्यापारी राम किशन की बुलेटप्रूफ गाड़ी पर गोलियां चलाई गईं। जांच में पता चला कि राम किशन ने खुद पर गोली चलाई थी और इस मामले का खुलासा इल्मा अफरोज ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया। राम किशन, जो एक कांग्रेसी नेता का करीबी बताया जा रहा था, पुलिस से ऑल इंडिया गन लाइसेंस की मांग कर रहा था, लेकिन पिछला रिकॉर्ड देख कर उसकी मांग को अस्वीकार कर दिया गया। इसके बावजूद, इल्मा ने दबाव के बावजूद इस मामले में निष्पक्ष कार्रवाई की और राम किशन के खिलाफ केस दर्ज किया। विधायक से विवाद के बीच इल्मा अफरोज के ट्रांसफर की भी चर्चाएं शुरू हुईं, लेकिन नालागढ़ के यौन शोषण मामले के कारण सरकार उनका ट्रांसफर नहीं कर पाई। वहीं हाईकोर्ट ने इल्मा को यौन शोषण मामले की जांच का आदेश दिया है।

कौन हैं इल्मा अफरोज
IPS इल्मा अफरोज, 2017 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं और यूपी के मुरादाबाद जिले के कुंदरकी गांव से उनका नाता है। उनका जीवन संघर्षों से भरा हुआ रहा है। महज 14 साल की उम्र में ही उनके पिता का निधन हो गया, जिसके बाद उनकी मां ने कड़ी मेहनत और संघर्ष के साथ उनका पालन-पोषण किया और उन्हें उच्च शिक्षा दिलाई। इल्मा ने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफन कॉलेज से दर्शनशास्त्र में ग्रेजुएशन किया और अपने अथक प्रयासों से स्कॉलरशिप प्राप्त की। 

2018 में बनीं आईपीएस अधिकारी 
इल्मा की मेहनत उन्हें ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी तक ले गई, जहां उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी। इसके बाद, उन्हें न्यूयॉर्क में एक उच्च वेतन वाली नौकरी का प्रस्ताव भी मिला, लेकिन उन्होंने देश सेवा के प्रति अपनी निष्ठा दिखाते हुए उस नौकरी को ठुकरा दिया और भारत लौट आईं। 2017 में, इल्मा अफरोज ने UPSC परीक्षा में ऑल इंडिया 217वीं रैंक हासिल की और 2018 में हिमाचल प्रदेश कैडर की आईपीएस अधिकारी बनीं। 

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