कंगना रनौत के बयान पर पलटवार : जियाउर्रहमान बर्क बोले- किसानों ने कुर्बानियां देकर कानून को खत्म कराया

UPT | सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क

Sep 25, 2024 19:56

भाजपा सांसद कंगना रनौत एक बार फिर अपने बयानों के चलते चर्चा में है। कंगना के बयान के बाद यूपी में फिर बवाल छिड़ गया है। यूपी सियासत एक बार फिर गर्मा गई

Sambhal News : भाजपा सांसद कंगना रनौत एक बार फिर अपने बयानों के चलते चर्चा में है। कंगना के बयान के बाद यूपी में फिर बवाल छिड़ गया है। यूपी सियासत एक बार फिर गर्मा गई है। कंगना ने अब रद्द कर दिए गए कृषि कानूनों को फिर से लाने की मांग की है। उनके इस बयान पर विपक्ष की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। संभल के सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है।

BJP मुसलमान विरोधी के साथ किसान विरोधी भी
भाजपा सांसद कंगना रनौत के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए संभल के सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने कहा कि भाजपा सिर्फ मुसलमानों के खिलाफ नहीं, बल्कि किसानों के भी विरोध में है। उन्होंने बताया कि सभी समाज और धर्म के लोग किसान हैं, और इसलिए सरकार की तानाशाही का अंत होना चाहिए। बर्क ने यह भी कहा कि किसानों ने हाल ही के लोकसभा चुनाव में भाजपा को एक सख्त सबक सिखाया है।



भाजपा किसानों के हितों के खिलाफ काम कर रही
बुधवार को संभल में अपने आवास पर प्रेस वार्ता के दौरान, सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने कहा कि भाजपा के लोग किसानों के विरोधी हैं। उन्होंने तीन कृषि कानूनों का उल्लेख करते हुए बताया कि किसानों ने इन कानूनों के खिलाफ लंबे समय तक संघर्ष किया और कई ने अपनी जान तक दे दी, जिसके बाद सरकार को इन कानूनों को वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा। बर्क ने कंगना रनौत के बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह स्पष्ट करता है कि भाजपा किसानों के हितों के खिलाफ काम कर रही है।

जियाउर्रहमान ने भाजपा पर साधा निशाना
सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा के विधायक और मंत्री भी तानाशाही की शिकायत कर रहे हैं। उन्होंने आगरा और पीलीभीत में अधिकारियों की मनमानी का उदाहरण पेश किया और पूछा कि क्या मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इन विधायकों के घरों पर भी बुलडोजर चलवाएंगे? बर्क ने यह भी कहा कि यह सरकार नेताओं से नहीं, बल्कि अधिकारियों द्वारा संचालित हो रही है, और इसे रोकने की जरूरत है। उन्होंने सरकार से अपील की कि अब समय आ गया है कि वह अपनी तानाशाही खत्म करे और जनता की समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करे।

कंगना के बयान पर बवाल
वहीं कंगना रनौत ने हाल ही में एक विवादित बयान दिया है, जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा रद्द किए गए कृषि कानूनों को फिर से लागू करने की मांग की है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा नेता गौरव भाटिया ने कहा कि यह कंगना का व्यक्तिगत विचार है और वह भाजपा की ओर से ऐसा बयान देने के लिए अधिकृत नहीं हैं। भाटिया ने स्पष्ट किया कि यह बयान पार्टी के दृष्टिकोण को नहीं दर्शाता है और उन्होंने कंगना के बयान की निंदा की।”

कांग्रेस ने दी तीखी प्रतिक्रिया
कंगना रनौत के विवादित बयान पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस ने अपने एक्स हैंडल पर एक वीडियो साझा करते हुए कहा, "किसानों पर थोपे गए तीन काले कानूनों को वापस लाने की बात कंगना रनौत ने की है। 750 से अधिक किसानों की शहादत के बाद ही मोदी सरकार ने इन कानूनों को वापस लिया। अब भाजपा के सांसद फिर से इन कानूनों की वापसी की योजना बना रहे हैं। कांग्रेस किसानों के साथ खड़ी है और इन काले कानूनों की वापसी कभी नहीं होगी, चाहे नरेंद्र मोदी और उनके सांसद कितनी भी कोशिश कर लें।"

2021 में इन कानूनों को वापस लेने की घोषणा की
तीन कृषि कानून, जिन्हें केंद्र सरकार ने 2020 में लागू किया था, लेकिन इन्हें लेकर देशभर में बड़े पैमाने पर विरोध हुआ था। किसानों ने इन कानूनों को 'काले कानून' कहा और महीनों तक आंदोलन किया। अंत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवंबर 2021 में इन कानूनों को वापस लेने की घोषणा की थी, जिसके बाद किसानों ने अपना आंदोलन समाप्त किया। इससे पहले कंगना रनौत ने एक बयान में कहा था कि किसान आंदोलन के दौरान वहां पर कई तरह के अवैध कामों को अंजाम दिया जा रहा था। इस बयान पर भी पार्टी ने उनको सार्वजनिक तौर पर विवादित बयान नहीं देने की हिदायत दी थी।

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