संभल हिंसा के बाद चर्चा में आए डिप्टी एसपी : बयान के बाद वायरल हो रहे अनुज चौधरी, जानिए कौन है ये अधिकारी

UPT | Anuj Chaudhary

Nov 28, 2024 11:26

संभल हिसा के बाद एक वीडियो में अनुज चौधरी कहते नजर आ रहे हैं कि "पुलिसकर्मी मरने के लिए फोर्स में भर्ती नहीं हुए हैं। उनके भी परिवार और बच्चे हैं। क्या पुलिसकर्मियों का कोई परिवार नहीं होता?

Sambhal News : संभल के डिप्टी एसपी अनुज चौधरी एक बार फिर अपने बयान को लेकर चर्चा में है। संभल हिंसा के बाद उनका एक वीडियो वायरल हो गया है, जिसमें उन्होंने पुलिसकर्मियों के आत्मरक्षा के अधिकार पर जोर दिया है। इससे पहले भी अनुज चौधरी अपने बयान को लेकर सुर्खियों में आ चुके है।

अनुज चौधरी का बयान
संभल हिसा के बाद एक वीडियो में अनुज चौधरी कहते नजर आ रहे हैं कि "पुलिसकर्मी मरने के लिए फोर्स में भर्ती नहीं हुए हैं। उनके भी परिवार और बच्चे हैं। क्या पुलिसकर्मियों का कोई परिवार नहीं होता?" उन्होंने संभल हिंसा के 4 से 6 घंटे के हालात को समझने की बात करते हुए पुलिसकर्मियों के योगदान को रेखांकित किया। उनका यह बयान सोशल मीडिया और आमजन के बीच चर्चा का विषय बन गया है।

कौन हैं अनुज चौधरी?
अनुज चौधरी एक अंतरराष्ट्रीय पहलवान और अर्जुन अवॉर्डी हैं, जो अपने बेधड़क अंदाज और मजबूत शारीरिक कद-काठी के लिए जाने जाते हैं। वे उत्तर प्रदेश पुलिस में स्पोर्ट्स कोटे के माध्यम से शामिल हुए थे। मुजफ्फरनगर जिले के बहेड़ी गांव के निवासी अनुज ने 2002 और 2010 के नेशनल गेम्स में दो सिल्वर मेडल और एशियाई चैंपियनशिप में दो ब्रॉन्ज मेडल जीतकर देश का मान बढ़ाया।

पहले भी सुर्खियों में आए अनुज चौधरी
अनुज चौधरी तब भी सुर्खियों में तब आए जब वे रामपुर में तैनात थे। सपा नेता आजम खान के साथ उनकी बहस काफी चर्चा में रही। मामला तब का है जब आजम खान सपा प्रतिनिधि मंडल के साथ मुरादाबाद कमिश्नर से मिलने जा रहे थे। अनुज चौधरी, जो उस समय सीओ सिटी के पद पर थे, ने स्पष्ट किया कि केवल 27 लोग ही अंदर जा सकते हैं। इस पर आजम खान ने तंज कसा कि समाजवादियों ने ही पहलवानों को पहचान दिलाई है। जवाब में अनुज ने कहा, "अर्जुन अवार्ड किसी के एहसान से नहीं मिलता।" इस बहस का वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था।

संभल हिंसा में पैर में लगी गोली
संभल हिंसा के दौरान उपद्रवियों को नियंत्रित करते समय अनुज चौधरी पर गोली चली, जो उनके पैर में लगी। इस घटना ने उनके साहस और कर्तव्यपरायणता को फिर से साबित किया। उपद्रवियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई का नेतृत्व करते हुए उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि हालात नियंत्रण में आए।



संभल हिंसा
रविवार को जामा मस्जिद परिसर में हो रहे सर्वे के दौरान हिंसा भड़क उठी थी। इस दौरान पत्थरबाजी और आगजनी की घटनाएं हुईं, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई और करीब 20 लोग घायल हो गए। पुलिस ने सोमवार को हिंसा के संबंध में 25 लोगों को गिरफ्तार किया। हिंसा के बाद बाजार बंद कर दिए गए थे, हालांकि मंगलवार को कई इलाकों में दुकानें खुलती नजर आईं। घटना के बाद प्रशासन ने सोमवार और मंगलवार को इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया, जिससे नागरिकों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ा।

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