संभल शाही मस्जिद विवाद : 400 दंगाइयों की हुई पहचान, हिंसा मामले की जांच तेज़

UPT | संभल हिंसा

Dec 02, 2024 11:44

अब तक 400 लोगों की पहचान हो चुकी है। पुलिस अधीक्षक केके विश्नोई ने आयोग को पूरे घटनाक्रम की बिंदुवार जानकारी दी और हिंसा के दौरान भीड़ के एकत्र होने और उनके लौटने वाले मार्गों का ब्यौरा प्रस्तुत किया।

Sambhal News : हिंसा के मामले में गठित तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग ने अपनी जांच तेज कर दी है। आयोग ने रविवार को संभल पहुंचकर हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया और स्थानीय अधिकारियों से घटनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी हासिल की। ​​इस दौरान आयोग ने मस्जिद कमेटी के सदस्यों से भी मुलाकात की। संभल हिंसा में शामिल दंगाइयों की लगातार पहचान की जा रही है। अब तक 400 दंगाइयों की पहचान हो चुकी है।

400 लोगों की हो चुकी पहचान 
आयोग का नेतृत्व हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश देवेंद्र कुमार अरोड़ा कर रहे हैं। उनके साथ पूर्व पुलिस महानिदेशक एके जैन भी उपस्थित थे, जबकि सेवानिवृत्त अपर मुख्य सचिव अमित मोहन टीम में शामिल नहीं हो सके। टीम ने मस्जिद के आसपास के क्षेत्रों का दौरा किया और घटनास्थल की गहन समीक्षा की। मंडल आयुक्त आंजनेय कुमार सिंह ने जानकारी दी कि हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान के लिए सबूत जुटाए जा रहे हैं। अब तक 400 लोगों की पहचान हो चुकी है। पुलिस अधीक्षक केके विश्नोई ने आयोग को पूरे घटनाक्रम की बिंदुवार जानकारी दी और हिंसा के दौरान भीड़ के एकत्र होने और उनके लौटने वाले मार्गों का ब्यौरा प्रस्तुत किया।  

उपद्रवियों की पहचान में जुटी पुलिस
पुलिस ने उपद्रवियों की तलाश के लिए पांच टीमें गठित की हैं। हिंसा के दौरान बनाई गई वीडियो और फोटो के जरिए संदिग्धों की पहचान की जा रही है। इस बीच, जांच टीम के दौरे के दौरान संभल के जिलाधिकारी राजेंद्र पेन्सिया और रेंज के पुलिस महानिरीक्षक मुनिराज जी भी मौजूद रहे।  

मस्जिद कमेटी का बयान 
जामा मस्जिद के इमाम आफताब हुसैन वारसी और मस्जिद कमेटी के सचिव मसूद फारूकी ने बताया कि टीम मस्जिद में केवल 15 मिनट तक रुकी। कमेटी के अनुसार, टीम ने इस दौरान उनसे कोई प्रश्न नहीं किया और केवल मुआयना किया। बयान दर्ज करने की प्रक्रिया बाद में होगी।  

जांच पूरी करने का समय  
आयोग के अध्यक्ष देवेंद्र अरोड़ा ने कहा कि जांच दो महीने के भीतर पूरी कर ली जाएगी। अभी प्राथमिक जानकारी इकट्ठा की जा रही है, जिसके बाद अफसरों और आम नागरिकों के बयान दर्ज किए जाएंगे।  

Also Read