बुलडोजर एक्शन पर 'सुप्रीम रोक' पर चंद्रशेखर का बयान : कहा- भाजपा की सस्ती लोकप्रियता वाली नीति, तानाशाही को रोकने वाला फैसला

UPT | बुलडोजर एक्शन पर 'सुप्रीम रोक' पर चंद्रशेखर का बयान

Sep 18, 2024 11:56

कोर्ट के फैसले के बाद पहले अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर निशाना साधा और अब आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर ने भाजपा को घेरा है।

Short Highlights
  • बुलडोजर एक्शन पर चंद्रशेखर का बयान
  • कोर्ट के फैसले का किया स्वागत
  • अखिलेश ने भी साधा था निशाना
New Delhi : देश की सर्वोच्च अदालत द्वारा बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगाने का फैसला आने के बाद अब विपक्षी दल भाजपा पर हमलावर हो गए हैं। कोर्ट के फैसले के बाद पहले अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर निशाना साधा और अब आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर ने भाजपा को घेरा है। चंद्रशेखर ने इसे तानाशाही को रोकने वाला फैसला बताया है। उन्होंने कहा कि हम फैसले का स्वागत करते हैं।

'बुलडोजर के धुर विरोधी रहे'
चंद्रशेखर ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट करते हुए लिखा- 'मैं, भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) भाजपा की सस्ती लोकप्रियता वाली बुलडोजर नीति के धुर विरोधी रहे। इससे कार्यपालिका द्वारा संविधान में वर्णित शक्ति के पृथक्करण सिद्धान्त का अतिक्रमण होता हैं और साथ ही नागरिकों के संपत्ति के वैधानिक अधिकार का अतिक्रमण भी।'

कोर्ट के फैसले का स्वागत
चंद्रशेखर ने आगे लिखा कि 'हमने कभी भी, किसी भी मामले में किसी पर बुलडोजर की कार्यवाही की माँग नहीं की। हम अवसरवादी नहीं हैं। न्याय-अन्याय की लड़ाई जाति-धर्म से ऊपर उठकर लड़ते हैं। माननीय उच्चतम न्यायालय का फैसला तानाशाही को रोकने वाला है। हम फैसले का स्वागत करते हैं।'

अखिलेश ने भी साधा निशाना
इसके पहले समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले की तारीफ की थी। उन्होंने लिखा था- 'न्याय के सर्वोच्च आदेश ने बुलडोज़र को ही नहीं बल्कि बुलडोज़र का दुरुपयोग करनेवालों की विध्वंसक राजनीति को भी किनारे लगा दिया है। आज बुलडोज़र के पहिये खुल गये हैं और स्टीयरिंग हत्थे से उखड़ गया है। ⁠ये उनके लिए पहचान का संकट है जिन्होंने बुलडोज़र को अपना प्रतीक बना लिया था। ⁠अब न बुलडोज़र चल पायेगा, न उसको चलवानेवाले। ⁠दोनों के लिए ही पार्किंग का समय आ गया है। आज बुलडोज़री सोच का ही ध्वस्तीकरण हो गया है। अब क्या वो बुलडोज़र का भी नाम बदलकर उसका दुरुपयोग करेंगे? दरअसल ये जनता का सवाल नहीं, एक बड़ी आशंका है।'

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