पूर्व सांसद का विवादित बयान : बोले- 'एहसान मानिए हमारा, नहीं तो पाकिस्तान लखनऊ तक होता...'

UPT | Mohammad Adeeb

Nov 12, 2024 21:05

वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें राज्यसभा के पूर्व सांसद मोहम्मद अदीब भी शामिल हुए। इस बैठक के दौरान उन्होंने अपनी बात रखते हुए कुछ ऐसी टिप्पणियां कीं, जिनसे विवाद पैदा हो गया...

Short Highlights
  • दिल्ली में वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ बैठक
  • मोहम्मद अदीब का विवादित बयान
  • मुस्लिम कॉन्फ्रेंस में किया दावा
New Delhi News : दिल्ली में वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें राज्यसभा के पूर्व सांसद मोहम्मद अदीब भी शामिल हुए। इस बैठक के दौरान उन्होंने कहा, "यह मुसलमानों का एहसान है कि उन्होंने जिन्ना को मना किया, जिसके कारण पाकिस्तान का बॉर्डर लाहौर तक रह गया। अगर हम जिन्ना के साथ चले होते, तो पाकिस्तान का बॉर्डर लखनऊ तक होता।" उनके इस बयान ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है।

अपने ही इलाके में गुनहगारों की तरह जी रहे- अदीब
मोहम्मद अदीब ने अपनी जिंदगी के लगभग 80 साल पूरे होने की बात करते हुए कहा कि वह पिछले 50 वर्षों से राजनीतिक मामलों में सक्रिय रहे हैं, लेकिन आज उन्हें अपने इलाके में एक गुनहगार की तरह जीवन जीना पड़ रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि जिन लोगों ने पाकिस्तान जाने का फैसला लिया, उन्होंने उस समय मुसलमानों को देशद्रोही करार दिया और अब उन्हें ही पाकिस्तान के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। उनका कहना था कि यह सियासी परिस्थितियां ही थीं जिनके कारण उन्हें अब ऐसा महसूस हो रहा है।



"सरकार को मानना चाहिए एहसान"
मोहम्मद अदीब ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा, "हम मानते हैं कि जिन लोगों ने पाकिस्तान का रुख किया, उन्हें आज सम्मान दिया जाता है, लेकिन हम वही मुसलमान हैं जिन्होंने जिन्ना को मना किया और देश विभाजन के खिलाफ खड़े हुए। हम गांधी, नेहरू और मौलाना आज़ाद के साथ थे, जबकि हमने जिन्ना और लियाकत अली खान को ठुकरा दिया। हम जिन्ना के साथ नहीं गए और यह एहसान हमारा हक है कि सरकार को उसे स्वीकार करना चाहिए।" 

पूर्व सांसद ने लगाया आरोप
पूर्व सांसद ने यह भी कहा कि जिन्ना के साथ नहीं जाने का जो बड़ा कदम उन्होंने उठाया, उसकी कोई कद्र नहीं की गई और इसके बजाय उन्हें लगातार सजा दी जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुसलमानों पर कई तरह के हमले हुए हैं और उनके घरों को बुलडोज़र से तबाह किया गया, लेकिन उन्होंने कभी इसका विरोध नहीं किया क्योंकि उनका मानना था कि यह सब उनके खुद के अस्तित्व की सुरक्षा के लिए किया गया था। 

आज कि स्थिति बेहद खराब हो गई है- अदीब
उन्होंने कहा, "आज हमारी स्थिति बहुत खराब हो गई है, हम कुछ भी नहीं बचा पाए हैं। हमारे पास अब कोई हैसियत नहीं रह गई है। जब हम अलीगढ़ में पढ़ते थे, तब सियासी जमातें हमारे नाराज होने से डरती थीं, लेकिन अब हम पूरी तरह से हाशिए पर हैं।" मोहम्मद अदीब ने ये बातें दिल्ली में आयोजित मुस्लिम कॉन्फ्रेंस में कही, जिसमें ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष खालिद सैफुल्लाह रहमानी, जनरल सेक्रेटरी फजलुर्रहीम मुजद्दिदी, कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी, समाजवादी पार्टी के मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी और अन्य प्रमुख नेता भी मौजूद थे।

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