सपा ने नरेंद्र मोदी को दिया जवाब : NDA को ना कहो, PDA को हां कहो, अबकी बार PDA सरकार

फ़ाइल फोटो | नरेंद्र मोदी और अखिलेश यादव

Feb 19, 2024 17:31

सपा मुखिया अखिलेश यादव सोशल इंजीनियरिंग के बूते चुनाव लड़ना चाहते हैं। उन्होंने पीडीए का नारा दिया था। रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नया नारा दिया। मोदी ने कहा-अब की बार, एनडीए की सरकार। सोमवार को अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नारे का जवाब दिया है।  

Short Highlights
  • अखिलेश यादव का कहना है, "उत्तर प्रदेश ही नहीं पूरे देश में सबसे ज्यादा मतदाता इन तीनों वर्गों के हैं
  • अखिलेश यादव बार-बार सार्वजनिक रूप से कह रहे हैं कि एनडीए को पीडीए ही जवाब दे सकता है

 

Lucknow News : रविवार को दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने नया नारा दिया था। नरेंद्र मोदी ने कहा, "अब की बार, एनडीए की सरकार, एनडीए 400 पार।" अब उत्तर प्रदेश के प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस नारे का जवाब दिया है। सोमवार को समाजवादी पार्टी मीडिया सेल के आधिकारिक एक्स हैंडल से एक पोस्ट की गई है। जिस पर लिखा गया है, "NDA को ना कहो, PDA को हां कहो, अब की बार PDA सरकार।" आपको बता दें कि अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) उत्तर प्रदेश में सोशल इंजीनियरिंग के बूते चुनाव लड़ना चाहते हैं। जिसके लिए उन्होने PDA नाम से सामाजिक गठजोड़ तैयार करने की कवायद शुरू की है। इसी बीच सोमवार को समाजवादी पार्टी ने लोकसभा उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी की है। जिसमें वेस्ट यूपी, पूर्वांचल और अवध की 11 सीट शामिल हैं।

अखिलेश ने छह महीने पहले दिया पीडीए का नारा
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने करीब छह महीने पहले पीडीए का नारा दिया था। पीडीए का मतलब 'पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक' हैं। अखिलेश यादव का कहना है, "उत्तर प्रदेश ही नहीं पूरे देश में सबसे ज्यादा मतदाता इन तीनों वर्गों के हैं। जबकि राजनीतिक रूप से इन्हें उपेक्षित किया जा रहा है। हम PDA को संगठित करेंगे और उन्हें राजनीतिक रूप से मजबूत बनाएंगे। अखिलेश यादव बार-बार सार्वजनिक रूप से कह रहे हैं कि एनडीए को पीडीए ही जवाब दे सकता है। 
बिखर रहा है कांग्रेस का कुनबा
आपको बता दें कि एनडीए के खिलाफ कांग्रेस, जनता दल यूनाइटेड और तृणमूल कांग्रेस ने मिलकर देशभर के विपक्षी राजनीतिक दलों को एकत्र किया था। तमाम संगठनों ने मिलकर एनडीए के खिलाफ इंडिया गठबंधन का ऐलान किया था। पिछले एक महीने से राजनीतिक हालात बदले हैं। इंडिया गठबंधन के घटक एक-एक करके टूट रहे हैं। सबसे पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले जनता दल यूनाइटेड ने इंडिया छोड़कर एडीए में शामिल होने का ऐलान किया था। बिहार में राजद और जदयू की सरकार गिर गई। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस के मुखिया ममता बनर्जी ऐलान कर चुकी हैं कि वह किसी गठबंधन में शामिल नहीं हैं। वह अकेले दम पर पश्चिम बंगाल में चुनाव लड़ेंगी।

यूपी में गठबंधन टूटने के कगार पर
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के प्रमुख सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल ने एनडीए का दामन थाम लिया है। दरअसल, पिछले दिनों केंद्र सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने का ऐलान किया। जिसके बाद चौधरी चरण सिंह के पोते और राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया जयंत चौधरी ने एनडीए में शामिल होने का ऐलान कर दिया। अब एनडीए में मुख्य रूप से शामिल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच भी दूरियां बन रही हैं। तीन दिन पहले समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' में शामिल होने का ऐलान किया था। अब यकायक यात्रा से दूरी बना ली है।

Also Read