सर्विकल कैंसर : पैरों में सूजन, अनियमित पीरियड्स में न करें ऐसा, जानिए डॉक्टर से इसकी वजह : डॉ. वैशाली

UPT | सीनियर गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. वैशाली शर्मा।

Feb 04, 2024 19:16

सर्विकल कैंसर के शुरुआती चरण में कोई लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। लेकिन समय के साथ यह गंभीर होने लगता है और इसके लक्षण दिखने लगते हैं। घबराने की जरूरत नहीं है बल्कि अपने डॉक्टर से सलाह लें। अगर पैरों में सूजन हो, संभोग के दौरान दर्द हो, अनियमित पीरियड्स हो या ज्यादा ब्लीडिंग हो तो डॉक्टर से सलाह लें और पूरी जांच कराएं।

Short Highlights
  • सर्विकल कैंसर के लक्षणों पर ध्यान देना जरूरी है
  • आमतौर पर शुरुआती स्तर पर लक्षण नहीं दिखते हैं
  • कोई भी असामान्य लक्षण दिखे तो डॉक्टर से जांच कराएं
New Delhi (इला भटनागर): गर्भाशय के निचले हिस्से सर्विक्स में होने वाले कैंसर को सर्विकल कैंसर कहा जाता है। यह दुनियाभर की महिलाओं के लिए स्वास्थ्य संबंधी बड़ी चिंता है। इससे बचाव और जांच को लेकर जागरूकता बढ़ाना जरूरी है। सर्विकल कैंसर के बढ़ते मामलों को लेकर चर्चा के दौरान वी.एस.हेल्थकेयर,पंचशील पार्क दिल्ली में सीनियर गायनेकोलॉजिस्ट, लेप्रोस्कोपिक सर्जन और फर्टिलिटी एक्सपर्ट डॉ. वैशाली शर्मा ने उत्तर प्रदेश टाइम्स से यह बात कही। एम्स (नई दिल्ली) से एमडी, हार्वर्ड से सीओएजी, जर्मनी से डीसीएजीई और लंदन से आरसीओजी एसोसिएट डॉ. वैशाली शर्मा प्रतिष्ठित स्त्री रोग विशेषज्ञों में से हैं।

रिस्क फैक्टर में ही इसके बचाव का रास्ता
डॉ. वैशाली ने उत्तर प्रदेश टाइम्स से बात करते हुए कहाकि सर्विकल कैंसर की शुरुआत आमतौर पर सर्विक्स की सेल लाइनिंग्स से होती है। इसका कारण मुख्य तौर पर ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) होता है, जो यौन संबंधों के दौरान फैलने वाला संक्रमण है। एचपीवी के ज्यादातर संक्रमण अपने आप ही ठीक हो जाते हैं, लेकिन अगर संक्रमण बहुत लंबे समय तक बना रहे तो यह सर्विकल कैंसर का कारण बन सकता है। एचपीवी संक्रमण इसका प्राथमिक कारण है, लेकिन धूम्रपान, कमजोर इम्यून सिस्टम, कई लोगों से यौन संबंध बनाना या कम उम्र में ही यौन सक्रियता भी इसके रिस्क फैक्टर हैं। डॉ. वैशाली ने कहा कि इसके रिस्क फैक्टर में ही इसके बचाव का रास्ता भी है। धूम्रपान से दूर रहना और यौन संबंधों में संयमित रहना इससे बचाव में कारगर हो सकता है। एक अच्छी बात यह भी है कि एचपीवी संक्रमण से बचाव के लिए टीका भी उपलब्ध है। यह वायरस के कुछ स्ट्रेन से बचाता है और सर्विकल कैंसर के खतरे को कम करता है।

जितनी जल्दी जांच हो जाए, उतना बेहतर
डॉ. वैशाली ने कहा कि सर्विकल कैंसर के लक्षणों पर ध्यान देना जरूरी है। आमतौर पर शुरुआती स्तर पर इसके लक्षण नहीं दिखते हैं। बीमारी बढ़ने पर असामान्य रक्तस्राव, पेल्विक पेन और यौन संबंध बनाते समय दर्द जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। इसलिए ऐसा कोई भी असामान्य लक्षण दिखे तो डॉक्टर से जांच करा लेनी चाहिए। कैंसर के किसी भी अन्य प्रकार की तरह ही सर्विकल कैंसर के मामले में भी जितनी जल्दी जांच हो जाए, उतना बेहतर रहता है। पैप स्मियर टेस्ट से इस वायरस के संक्रमण का पता लगाया जा सकता है। इस टेस्ट की प्रक्रिया को लेकर लोगों में कुछ हिचकिचाहट होती है, लेकिन यह बहुत आसानी से हो जाने वाला टेस्ट है। इलाज के लिए सर्जरी, रेडिएशन थेरेपी, कीमोथेरेपी और टार्गेटेड थेरेपी इसके इलाज के तरीके हैं।

फर्टिलिटी प्रिजर्व करना समझदारी भरा कदम
डॉ. वैशाली ने उत्तर प्रदेश टाइम्स से कहा कि सर्विकल कैंसर और इसके इलाज की प्रक्रिया में महिला की प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है। ऐसे में फर्टिलिटी प्रिजर्व करना समझदारी का कदम हो सकता है। इसमें एग फ्रीजिंग और एंब्रायो बैंकिंग जैसे विकल्प उपलब्ध हैं। लक्षण एवं इलाज की प्रक्रिया आदि के बारे में मरीज को जागरूक करना और साइकोलॉजिकल सपोर्ट भी महत्वपूर्ण है।

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