NEET UG Exam Result Controversy : सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए से मांगा जवाब, अगर 0.001 प्रतिशत की भी लापरवाही हुई है तो...

UPT | NEET UG Exam Result Controversy

Jun 18, 2024 14:53

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और एनटीए से कहा है कि अगर किसी की तरफ से 0.001 प्रतिशत की भी लापरवाही हुई है तो उसे पूरी तरह से निपटा जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि बच्चों ने परीक्षा की तैयारी की है...

Short Highlights
  • जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस एसवी भट्टी की वेकेशन बेंच के सामने मामला पेश किया गया
  • कोर्ट ने कहा, अगर परीक्षा आयोजित करने में कोई गलती हुई है तो उसे स्वीकार करें 
  • 8 जुलाई को याचिकाओं पर सुनवाई की जाएगी
New Delhi News : 4 जून को आए नीट यूजी परीक्षा परिणाम विवाद में ग्रेस मार्क्स को लेकर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की गई। जहां ये मामला जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस एसवी भट्टी की वेकेशन बेंच के सामने पेश किया गया। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और एनटीए से कहा है कि अगर किसी की तरफ से 0.001 प्रतिशत की भी लापरवाही हुई है तो उसे पूरी तरह से निपटा जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि बच्चों ने परीक्षा की तैयारी की है, हम उनकी मेहनत को भूल नहीं सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और एनटीए से कहा कि वे नीट-यूजी के खिलाफ दायर याचिकाओं को विरोधात्मक मुकदमेबाजी के तौर पर न लें। अगर परीक्षा आयोजित करने में कोई गलती हुई है तो उसे स्वीकार करें और उसमें सुधार करें। 

आठ जुलाई को होगी अगली सुनवाई
बेंच ने केंद्र और एनटीए से ये भी कहा कि कल्पना कीजिए की सिस्टम के साथ धोखाधड़ी करने वाला व्यक्ति अगर डॉक्टर बन जाता है  तो वह समाज के लिए और भी ज्यादा खतरनाक है। इसके अलावा जस्टिस विक्रम नाथ ने एनटीए से कहा कि सर्वोच्च न्यायालय को उससे समय पर कार्रवाई की उम्मीद है। अब 8 जुलाई को याचिकाओं पर सुनवाई की जाएगी। बता दें कि इससे पहले 11 जून को तीन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट एनटीए को नोटिस जारी था। साथ ही काउंसलिंग प्रक्रिया रोकने से मना कर दिया था। जिसके बाद 13 जून को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि ग्रेस मार्क्स पाने वाले 1563 कैंडिडेट के स्कोरकार्ड निरस्त होंगे और ग्रेस मार्क्स के स्कोर कार्ड जारी किए जाएंगे।

शिक्षा मंत्री का बयान
बता दें कि इससे पहले बीते रविवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि नीट में कुछ स्थानों से विसंगतियां सामने आई हैं। ऐसे में गड़बड़ी में जो भी दोषी पाए जाएंगे, फिर चाहे वो एनटीए भी हो, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार विसंगतियों के सुधार का कार्य कर रही है। ऐसे में नीट जैसी महत्वपूर्ण परीक्षा शत-प्रतिशत पारदर्शी हो, इसके लिए सरकार प्रतिबद्ध है। वहीं इससे पहले 13 जून को केंद्रीय शिक्षामंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि एनटीए पर भ्रष्टाचार के आरोप निराधार हैं। यह एक विश्वसनीय संस्था है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले की जांच कर रहा है और हम उसके निर्णय का पालन करेंगे।

नीट यूजी परीक्षा परिणाम में हुई गड़बड़ी के आरोपों को लेकर सीबीआई से जांच का अनुरोध करने वाली याचिका पर 8 जुलाई को सुनवाई होगी। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने विवादित नीट यूजी परीक्षा में हुई कथित अनियमितताओं की सीबीआई से जांच कराने के अनुरोध वाली याचिका पर केंद्र, एनटीए और अन्य को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब देने के लिए कहा है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को नीट-यूजी विवाद पर विभिन्न उच्च न्यायालयों में लंबित मामलों को शीर्ष अदालत में स्थानांतरित करने के अनुरोध वाली एनटीए की याचिका पर निजी पक्षों को नोटिस जारी किया। इस मामले पर भी 8 जुलाई को सुनवाई की जाएगी।

परीक्षा रद्द होगी या नहीं?
वहीं एनटीए द्वारा ग्रेस मार्क्स रद्द किए जाने से ग्रेस मार्क्स से जुड़ी आपत्तियों का निपटारा हो गया। लेकिन बहुत से अभ्यार्थियों ने पेपर लीक का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट और कई उच्च न्यायालयों में परीक्षा रद्द करने के लिए याचिका दायर की हैं। जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को यह स्पष्ट किया कि सफल उम्मीदवारों का प्रवेश उन याचिकाओं पर आने वाले अंतिम फैसले के अधीन होगा, जिनमें परीक्षा रद्द करने की मांग की गई है। ऐसे में परीक्षा रद्द करने वाली मांग की याचिकाओं पर भी 8 जुलाई को सुनवाई होनी है।

क्यों हुआ विवाद?
गौरतलब है कि नीट का रिजल्ट आने के बाद कैंडिडेट्स ने ये सवाल उठाया था कि कई अभ्यार्थियों को ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं। जिसके बाद एनटीए ने ये जानकारी दी की समय की कमी के कारण कुछ बच्चों को ग्रेस मार्क दिए गए हैं। हालांकि, ये ग्रेस मार्क किस आधार पर दिए गए इसके बारे में एनटीए ने कुछ नहीं बताया। परीक्षा से पहले जारी एनटीए की इन्फॉर्मेंशन बुलेटिन में भी ग्रेस मार्क देने का जिक्र नहीं था। इसके अलावा देश भर में नीट यूजी 2024 को लेकर अलग-अलग राज्यों में करीब 20 हजार छात्रों ने याचिकाएं दायर की थीं, जिसमें परीक्षा की गड़बड़ी को लेकर शिकायत की गई हैं।

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