महाकुंभ 2025 : जूना अखाड़े के बाद नया उदासीन अखाड़े के संतों ने भी किया नगर प्रवेश, 8 जनवरी को होगी धर्म ध्वजा स्थापित

UPT | नगर प्रवेश के बाद नया उदासीन अखाड़े के संत

Nov 06, 2024 15:29

जूना अखाड़े के संतों के नगर प्रवेश के बाद मंगलवार को उदासीन परंपरा के पंचायती नया उदासीन अखाड़े के संतों ने भी नगर प्रवेश किया। इस बार महाकुंभ में 8 जनवरी को धर्म ध्वजा खड़ी होने के बाद 10 जनवरी को महाकुंभ प्रवेश किया जाएगा।

Short Highlights
  • उत्तराखंड के हरिद्वार स्थित कनखल मुख्यालय से पुष्प वर्षा के साथ संतों को महाकुंभ के लिए रवाना किया गया
  • पंचायती अखाड़ा नया उदासीन (निर्वाण) के संतों, महंतों का कारवां हरिद्वार से प्रयागराज पहुंचा
  • नगर आगमन में नगरवासियों ने पुष्प वर्षा कर संतों का स्वागत  किया 
Prayagraj News : महाकुंभ 2025 जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, संगम नगरी में संतों का आगमन भी शुरू हो गया है। सबसे पहले जूना अखाड़े के संतों ने नगर में प्रवेश किया, जिसके बाद मंगलवार को उदासीन परंपरा के पंचायती नया उदासीन अखाड़े के संतों ने भी नगर में प्रवेश किया है। हरिद्वार से बड़ी संख्या में पहुंचे पीठाधीश्वरों, महंतों और कायदेदारों का भव्य स्वागत किया गया। इसके साथ ही उदासीन परंपरा के संतों का महाकुंभ पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है।

संगमनगरी में संतों ने डेरा जमाना शुरू किया
महाकुंभ की सांस्कृतिक आधा को बिखरने के लिए संन्यासी परंपरा के बाद उदासी परंपरा के संतों ने संगमनगरी में डेरा जमाना शुरू कर दिया है। सचिव जगतार मुनि ने बताया कि इस बार महाकुंभ में 8 जनवरी को धर्म ध्वजा खड़ी होने के बाद 10 जनवरी को महाकुंभ प्रवेश किया जाएगा। इसके बाद महाकुंभ में नए महंत और मुखिया महंतों का पट्टाभिषेक किया जाएगा। 15 से अधिक नए महंतों के पट्टाभिषेक किए जाने का अनुमान है। 


हरिद्वार से पहुंचा महंतों का कारवां 
उत्तराखंड के हरिद्वार स्थित कनखल मुख्यालय से संतों को पुष्पवर्षा के साथ महाकुंभ के लिए रवानगी हुई थी।जिसके बाद मंगलवार को पंचायती अखाड़ा नया उदासीन (निर्वाण) के संतों, महंतों का कारवां हरिद्वार से मंगलवार की सुबह पहुंचा।यहां भी संतो और महात्माओं का भव्य स्वागत हुआ। नगर आगमन में नगर वासियों ने पुष्प वर्षा कर संतो का स्वागत कर आशीर्वाद प्राप्त किया।

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महंतों की भव्य अगवानी की गई
स्वागत के बाद पीठाधीश्वरों, महंतों का चरण वंदन किया गया। अखाड़े के मुखिया महंत भगत राम, मुखिया महंत जखीरा प्रबंधक महंत आकाश मुनि, अध्यक्ष महंत धुनी दास, महंत नारायण दास (दिल्ली), महत भगवान दास (अलीगढ़) के अलावा पंजाब के 25 से अधिक महंतों की भव्य अगवानी की गई।
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