अली अब्बास केस पर हाईकोर्ट सख्त : सीबीआई से कहा- 'जिंदा है या मर गया', 30 अगस्त को अगली सुनवाई

UPT | अली अब्बास केस पर हाईकोर्ट सख्त

Jul 31, 2024 14:12

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कौशाम्बी के जलालपुर घोसी गांव के लापता युवक अली अब्बास के मामले में सीबीआई से 30 अगस्त तक रिपोर्ट मांगी है। न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने सीबीआई को निर्देश दिया है कि वह पता लगाए कि अली अब्बास जीवित है, उसकी मृत्यु हो चुकी है।

Short Highlights
  • अली अब्बास केस पर हाईकोर्ट सख्त
  • सीबीआई से रिपोर्ट देने को कहा
  • 30 अगस्त को अगली सुनवाई
Prayagraj News : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कौशाम्बी के जलालपुर घोसी गांव के लापता युवक अली अब्बास के मामले में सीबीआई से 30 अगस्त तक रिपोर्ट मांगी है। न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने सीबीआई को निर्देश दिया है कि वह पता लगाए कि अली अब्बास जीवित है, उसकी मृत्यु हो चुकी है, या वह किसी अभिरक्षा में है। कोर्ट ने एक अभियुक्त की जमानत अर्जी में सीबीआई को पक्षकार बनाने का आदेश दिया है और निबंधक अनुपालन को अर्जी व आदेश की प्रति सीबीआई के अधिवक्ता को देने का निर्देश दिया है। यह मामला गुड्डू पासी और अन्य की जमानत अर्जी से संबंधित है।

दो अलग-अलग मामले हैं दर्ज
मामले की पृष्ठभूमि जटिल है। एक ओर, अली अब्बास की कथित अपहरण और हत्या के आरोप में एफआईआर दर्ज है। दूसरी ओर, अली अब्बास और उसके साथियों पर एक छात्रा सलोनी का अपहरण करने का आरोप है। 15 मई 2023 को प्रमुख गृह सचिव को शिकायत की गई थी कि दिलीप यादव, आकाश यादव और तीन अन्य ने अली अब्बास और सलोनी की हत्या कर दी है। 22 मई 2023 को एसपी कौशाम्बी को अर्जी दी गई थी कि उनके बेटे और पीड़िता का अपहरण कर लिया गया है।

हत्या के आरोप में चार्जशीट दाखिल
11 अगस्त 2023 को पीड़िता लड़की को बरामद किया गया। उसके कोर्ट में दिए गए बयान के आधार पर, विवेचना अधिकारी ने एफआईआर में अपहरण के साथ षड्यंत्र की धारा जोड़ दी। पुलिस ने अली अब्बास के कपड़े बरामद किए और 8 मई 2024 को याची सहित अन्य के खिलाफ अपहरण, षड्यंत्र और हत्या के आरोप में चार्जशीट दाखिल कर दी। हालांकि, याची के अधिवक्ता का तर्क है कि पुलिस ने बिना लाश बरामद किए केवल कपड़ों की बरामदगी के आधार पर हत्या का आरोप लगाया है।

पुलिस की जांच पर उठे सवाल
याची के अधिवक्ता स्वाति अग्रवाल ने एक महत्वपूर्ण बिंदु उठाया है। उन्होंने 12 मई 2023 को पुलिस के एक पर्चे का हवाला देते हुए कहा कि कथित मृतक अली अब्बास वास्तव में जीवित है और दुबई में अपने मामा के घर पर रह रहा है। इस आधार पर, उन्होंने तर्क दिया कि याचीगण को जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि इस हत्या मामले में कुछ सह-अभियुक्तों को पहले ही जमानत या अग्रिम जमानत मिल चुकी है।

सीबीआई की रिपोर्ट से सामने आएगा सच
अधिवक्ता ने यह भी ध्यान दिलाया कि कथित मृतक अली अब्बास की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका भी हाईकोर्ट में विचाराधीन है। उनका तर्क है कि पीड़िता के अपहरण का मुख्य अभियुक्त अली अब्बास लापता है, और पुलिस ने बिना पर्याप्त सबूत के हत्या का आरोप लगाते हुए चार्जशीट दाखिल की है। वे मानते हैं कि जिसे मृत कहा जा रहा है, वह वास्तव में जीवित हो सकता है। अदालत 30 अगस्त को इस मामले पर अगली सुनवाई करेगी, जहां सीबीआई से रिपोर्ट प्रस्तुत करने की उम्मीद है।

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