शिक्षक की सैलरी रोकना विशेष सचिव को पड़ा भारी : हाईकोर्ट ने सुनाई ऐसी सजा की सभी रह गए दंग, जानें पूरा मामला

UPT | Allahabad High Court

Dec 21, 2024 01:10

फतेहपुर की सुमन देवी बीआर अंबेडकर शिक्षा सदन में सहायक अध्यापिका के पद पर तैनात थीं। यह विद्यालय समाज कल्याण विभाग चलाता है। सुमन के मुताबिक, उनका रिटायरमेंट 21 जनवरी 2023 में होना चाहिए था, लेकिन उन्हें विभाग ने अप्रैल, 2022 में ही रिटायर कर दिया।

Short Highlights
  • इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा-यहीं बैठिए, बाहर नहीं जाना है
  • समाज कल्याण विभाग के विशेष सचिव रजनीश चंद्रा को कोर्ट ने सुनाई सजा, दो हजार का जुर्माना भी लगाया
Prayagraj News : शिक्षक की सैलरी रोकना समाज कल्याण विभाग के विशेष सचिव रजनीश चंद्रा को महंगा पड़ गया। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनको दिन भर कोर्ट में बैठने की सजा दी। कोर्ट ने कहा कि जब तक कोर्ट की कार्यवाही चलती रहेगी, आपको यहीं बैठना है। बाहर नहीं जा सकते हैं। इस आदेश के बाद सुरक्षा अधिकारियों ने विशेष सचिव को तत्काल हिरासत में ले लिया। इसके अलावा अदालत ने उन पर 2 हजार का जुर्माना भी लगाया है। जस्टिस सलिल कुमार राय ने यह आदेश फतेहपुर की शिक्षक सुमन देवी की अवमानना याचिका पर दिया।

क्या है पूरा मामला
फतेहपुर की सुमन देवी बीआर अंबेडकर शिक्षा सदन में सहायक अध्यापिका के पद पर तैनात थीं। यह विद्यालय समाज कल्याण विभाग चलाता है। सुमन के मुताबिक, उनका रिटायरमेंट 21 जनवरी 2023 में होना चाहिए था, लेकिन उन्हें विभाग ने अप्रैल, 2022 में ही रिटायर कर दिया। इससे पहले ही वह इलाहाबाद हाईकोर्ट में सत्र लाभ के लिए याचिका लगा चुकी थीं। कोर्ट में याचिका पर कोई फैसला होता, इससे पहले विभाग ने उन्हें सत्र लाभ देने का फरमान जारी कर दिया। साथ ही, विद्यालय में ज्वाइन करने का आदेश दिया।

सुमन ने 21 जनवरी, 2023 को ज्वाइन कर लिया। लेकिन अप्रैल 2022 से 21 जनवरी, 2023 तक का वेतन उन्हें भुगतान नहीं किया गया। विभाग का कहना था कि चूंकि इस दौरान उन्होंने काम नहीं किया है, इसलिए वेतन की हकदार नहीं है। इसके खिलाफ सुमन ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई। सुमन के अधिवक्ता अंगद यादव ने केस से जुड़े कई उदाहरण दिए। जिसमें हाईकोर्ट ने कहा कि विभागीय गलती से अगर सुमन को ज्वाइन नहीं कराया गया है तो नो वर्क नो पे का सिद्धांत लागू नहीं होगा। कोर्ट ने याचिका मंजूर करते हुए याची को 1 अप्रैल, 2022 से 21 जनवरी, 2023 तक के वेतन भुगतान करने का आदेश दिया।

कोर्ट के इस आदेश के बावजूद विशेष सचिव रजनीश चंद्रा ने अपना अलग आदेश पारित कर दिया। कहा कि क्योंकि सुमन ने इस दौरान कोई काम नहीं किया है, इसलिए उन्हें वेतन नहीं दिया जा सकता है। इसके बाद सुमन ने इस आदेश के खिलाफ अवमानना याचिका दाखिल की। कोर्ट ने आदेश की अवमानना मानते हुए विशेष सचिव रजनीश चंद्रा और जिला समाज कल्याण अधिकारी फतेहपुर और जिला पिछड़ा वर्ग समाज कल्याण अधिकारी प्रसून राय को तलब किया। रजनीश चंद्रा और प्रसून राय के खिलाफ अदालत ने अवमानना का केस मानते हुए स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया।

विशेष सचिव ने माफी मांगी
रजनीश चंद्रा ने अपने हलफनामा में माफी मांगते हुए बताया कि कोर्ट के आदेश का पालन कर दिया गया है। सुमन को बकाया वेतन का भुगतान कर दिया गया है। कोर्ट स्पष्टीकरण से सहमत नहीं थी, इसलिए उसने रजनीश चंद्र को अदालत उठने तक हिरासत में रहने की सजा और 2 हज़ार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। कोर्ट ने कहा, यदि यह जुर्माना 4 जनवरी तक नहीं दिया गया तो एक महीने के लिए अतिरिक्त सजा सुनाई जाएगी। जबकि प्रसून राय को अवमानना के आरोप से बरी कर दिया है। 

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