महाकुंभ 2025 : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने घरों के ध्वस्तीकरण पर लगाई रोक, सरकार की तैयारियों को लगा झटका

UPT | इलाहाबाद हाईकोर्ट

Dec 20, 2024 16:26

महाकुंभ के दौरान मार्ग चौड़ीकरण के लिए घरों को ध्वस्त करने के आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। यह आदेश फाफामऊ पुल के पास के इलाकों में जारी किए गए ध्वस्तीकरण नोटिसों के खिलाफ दाखिल याचिका पर आया है।

Prayagraj News : संगम नगरी प्रयागराज में 13 जनवरी 2024 से शुरू होने वाले महाकुंभ मेले की तैयारियों के बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया है। महाकुंभ के दौरान मार्ग चौड़ीकरण के लिए घरों को ध्वस्त करने के आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। यह आदेश फाफामऊ पुल के पास के इलाकों में जारी किए गए ध्वस्तीकरण नोटिसों के खिलाफ दाखिल याचिका पर आया है।

ध्वस्तीकरण नोटिस पर विवाद
महाकुंभ की तैयारियों के तहत फाफामऊ पुल के नजदीक मार्ग चौड़ीकरण की योजना के चलते कई घरों को नोटिस जारी किए गए थे। इन नोटिसों में मकान मालिकों से कहा गया था कि वे एक सप्ताह के भीतर अपने घर स्वयं तोड़ लें, अन्यथा प्रशासन बुलडोजर की मदद से यह कार्रवाई करेगा। इस आदेश के खिलाफ 16 प्रभावित निवासियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। जिसमें इस नोटिस को अव्यवहारिक और अचानक लागू किया गया बताया गया।

अदालत की फटकार और रोक
इलाहाबाद हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने इस मामले में सुनवाई की। जिसमें जस्टिस एम.के. गुप्ता और जस्टिस अनीस गुप्ता शामिल थे। अदालत ने अगली सुनवाई तक ध्वस्तीकरण प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए प्रशासन को फटकार लगाई और जल्दबाजी में कार्रवाई करने की मंशा पर सवाल उठाए। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता अवनीश त्रिपाठी ने कहा कि नोटिस में किसी भी विकल्प या मुआवजे का जिक्र नहीं था, जोकि कानूनी और नैतिक दृष्टि से गलत है। हालांकि, उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से यह दलील दी गई कि कुंभ मेले के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत करना और यातायात को सुगम बनाना आवश्यक है।

महाकुंभ की तैयारियों पर सरकार का फोकस
योगी आदित्यनाथ सरकार ने महाकुंभ मेले के लिए युद्धस्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस बार प्रयागराज में 44 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। सरकार की प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि इतने बड़े आयोजन के दौरान श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। महाकुंभ के लिए सड़कों का चौड़ीकरण, यातायात के प्रबंधन, स्वच्छता, पानी की आपूर्ति और अन्य बुनियादी सुविधाओं को बेहतर बनाने पर जोर दिया जा रहा है।

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