Maha Kumbh 2025 : प्रयागराज में बज़्म-ए-विरासत का भव्य आयोजन, परंपरा और संस्कृति का संगम

UPT | मंच पर पंडित हरि प्रसाद चौरसिया

Dec 20, 2024 16:34

महाकुंभ 2025 के आयोजन से पहले संगम नगरी प्रयागराज में कला, साहित्य और संगीत को समर्पित तीन दिवसीय कार्यक्रम बज़्म-ए-विरासत का आगाज...

Prayagraj News : महाकुंभ 2025 के आयोजन से पहले संगम नगरी प्रयागराज में कला, साहित्य और संगीत को समर्पित तीन दिवसीय कार्यक्रम बज़्म-ए-विरासत का आगाज शुक्रवार को हुआ। यह कार्यक्रम प्रयागराज में जन्मे मशहूर बॉलीवुड फिल्म डायरेक्टर और प्रोड्यूसर तिग्मांशु धूलिया और उनकी टीम द्वारा आयोजित किया जा रहा है। इस आयोजन को महाकुंभ का कर्टन-रेज़र कहा जा रहा है। जिसका उद्देश्य शहर की समृद्ध सांस्कृतिक और साहित्यिक परंपराओं को नयी पीढ़ी से परिचित कराना है।

पंडित हरिप्रसाद चौरसिया ने किया उद्घाटन 
इस भव्य कार्यक्रम का उद्घाटन मशहूर बांसुरी वादक पंड़ित हरिप्रसाद चौरसिया ने किया। प्रयागराज में जन्मे और पले-बढ़े इस महान कलाकार ने अपने भाषण में प्रयागराज से जुड़ी अपनी यादें साझा कीं। उन्होंने बताया कि पहले का इलाहाबाद और आज का प्रयागराज काफी बदल चुका है। आज यहां बड़ी-बड़ी इमारतें और रोशनी से जगमगाती सड़कें हैं, लेकिन पुराने प्रयागराज की आत्मा हमेशा जीवित रहेगी। पंडित हरिप्रसाद चौरसिया ने बांसुरी वादन के महत्व पर चर्चा करते हुए इसे एक तरह का योग बताया। उन्होंने कहा बांसुरी वादन में स्वर के उतार-चढ़ाव से धुन निकलती है। जो एक साधना के समान है। यह देखकर खुशी होती है कि अब लड़कियां भी इस क्षेत्र में आगे आ रही हैं और बांसुरी वादन में दक्षता हासिल कर रही हैं।

तीन दिवसीय कार्यक्रम के प्रमुख आकर्षण
बज़्म-ए-विरासत में तीन दिनों तक साहित्य, कला और संगीत की दुनिया की दिग्गज हस्तियों का जमावड़ा लग रहा है। आज पहले दिन पंडित हरिप्रसाद चौरसिया के साक्षात्कार ने दर्शकों का ध्यान खींचा। इलाहाबाद की लंतरानी सत्र ने शहर की पुरानी परंपराओं को याद दिलाया। पूर्व क्रिकेटर और कमेंटेटर मोहम्मद कैफ ने भी उद्घाटन सत्र में शिरकत की। कल कार्यक्रम के दूसरे दिन संगीतकार शुभा मुद्गल और मशहूर शायर वसीम बरेलवी दर्शकों से रूबरू होंगे। इसके बाद आखिरी दिन मशहूर फिल्म एक्टर नवाजुद्दीन सिद्दीकी, अभिनेत्री-निर्देशक नंदिता दास और अभिनेता संजय मिश्रा प्रयागराज के लोगों के साथ बातचीत करेंगे।

सांस्कृतिक, साहित्यिक परंपराओं को पुनर्जीवित करना उद्देश्य 
तिग्मांशु धूलिया ने बताया कि बज़्म-ए-विरासत का मकसद प्रयागराज की सांस्कृतिक और साहित्यिक परंपराओं को पुनर्जीवित करना है। यह आयोजन नयी पीढ़ी को प्रयागराज की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर से रूबरू कराएगा। कार्यक्रम की सफलता के बाद इसे हर वर्ष आयोजित करने की योजना है। बज़्म-ए-विरासत में कुल 15 सत्र आयोजित हो रहे हैं, जिसमें साहित्य, संगीत, सिनेमा और खेल की दुनिया से जुड़ी प्रमुख हस्तियां भाग ले रही हैं। यह आयोजन महाकुंभ 2025 से पहले प्रयागराज की सांस्कृतिक पहचान को और मजबूत करेगा। इस मामले में मशहूर एक्टर तिग्मांशु धूलिया ने कहा प्रयागराज की परंपरा को आगे बढ़ाने और नई पीढ़ी को इससे जोड़ने के लिए यह कार्यक्रम बेहद महत्वपूर्ण है। हमारी कोशिश है कि यह आयोजन हर साल हो और प्रयागराज की सांस्कृतिक धरोहर को।

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