Prayagraj News : महाकुंभ में आयोजित होगा नदी संवाद कार्यक्रम, देशभर के पर्यावरणविद, संत बनेंगे हिस्सा

UPT | नदी संवाद कार्यक्रम की जानकारी देते जीव कांत झा।

Dec 19, 2024 19:56

महाकुंभ में इस बार न केवल सनातन धर्म और अध्यात्म का केंद्र होगा, बल्कि गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों की पवित्रता और संरक्षण के लिए एक...

Prayagraj News : 13 जनवरी 2025 से प्रयागराज में विश्व के सबसे बड़े धार्मिक और आध्यात्मिक आयोजन महाकुंभ की शुरुआत हो रही है। यह आयोजन न केवल सनातन धर्म और अध्यात्म का केंद्र होगा, बल्कि गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों की पवित्रता और संरक्षण के लिए एक गंभीर मंच भी प्रदान करेगा। त्रिवेणी का महत्व और साधुओं का तप से जुड़ा हुआ है। महाकुंभ में देशभर से साधु-संत, श्रद्धालु और कल्पवासी त्रिवेणी संगम (गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती) में स्नान करेंगे। इस पवित्र संगम में स्नान को मोक्षदायी माना जाता है। श्रद्धालु गंगाजल का पान करते हैं और नदी के प्रति अपनी आस्था व्यक्त करते हैं।    पर्यावरण संरक्षण पर फोकस महाकुंभ 2025 में विशेष रूप से "नदी संवाद" कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। यह कार्यक्रम 20 जनवरी 2025 को आयोजित होगा, जिसमें देशभर के पर्यावरणविद, संत, और विभिन्न संप्रदायों के महात्मा गंगा को अविरल और निर्मल बनाने पर विचार करेंगे। नदी संवाद" के मुख्य उद्देश्य में गंगा की स्वच्छता और प्रवाह की बहाली, सरकार और समाज की भूमिका पर चर्चा की जाएगी। गंगोत्री से गंगासागर तक गंगा को प्रदूषण मुक्त बनाने के उपायों पर चर्चा। सरकार की योजनाओं और जनता के सहयोग से गंगा और यमुना की स्थिति सुधारने पर मंथन।   गोविंदाचार्य के नेतृत्व में 2000 से अभियान कार्यक्रम के राष्ट्रीय संयोजक जीव कांत झा ने बताया कि गंगा, यमुना और नर्मदा नदियों को स्वच्छ और अविरल बनाने के लिए पर्यावरण चिंतक के एन गोविंदाचार्य के नेतृत्व में 2000 से अभियान चल रहा है। जीव कांत झा और अन्य पर्यावरणविदों ने चिंता जताई है कि केंद्र सरकार की "नमामि गंगे योजना" के बावजूद गंगा और यमुना नदियां आज भी प्रदूषण की चपेट में हैं।
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  ओजोन विधि से शुद्ध किया जाएगा गंगा जल कानपुर टेनरियों का गंदा पानी और अनट्रीटेड नाले सीधे गंगा में गिर रहे हैं। नदियां बांधों में कैद हैं, जिससे उनका प्राकृतिक प्रवाह बाधित हो रहा है। इस महाकुंभ में पहली बार भाभा रिसर्च सेंटर के वैज्ञानिकों द्वारा ओजोन पद्धति से दूषित जल का ट्रीटमेंट किया जाएगा। एफएसटीपी प्लांट की स्थापना के साथ महाकुंभ क्षेत्र में तीन एफएसटीपी (Faecal Sludge Treatment Plants) लगाए जाएंगे, जो प्रतिदिन 15 लाख लीटर दूषित जल को शुद्ध करेंगे। ओजोन विधि की यह तकनीक पानी को प्राकृतिक और प्रदूषण मुक्त बनाने में सहायक होगी।
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  गंगा को बचाने की अपील जीव कांत झा ने गंगा और यमुना की भयावह स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए सभी श्रद्धालुओं से अपील की कि वे गंगा की स्वच्छता और संरक्षण के लिए इस मुहिम से जुड़ें। महाकुंभ 2025 न केवल धर्म और आस्था का केंद्र होगा, बल्कि यह प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण का महत्वपूर्ण संदेश भी देगा। गंगा जैसी जीवनदायिनी नदी को बचाने का यह प्रयास न केवल भारत के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा बनेगा।

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