महाकुंभ 2025 : प्रयागराज में वैष्णव अखाड़ों ने किया चरण पादुका पूजन, धर्म ध्वजा की स्थापना

UPT | धर्म ध्वजा स्थापना और चरण पादुका

Dec 28, 2024 18:09

वैष्णव परंपरा के तीनों अनि अखाड़ों श्री पंच निर्मोही अनि अखाड़ा, श्री पंच निर्वाणी अनि अखाड़ा और श्री पंच दिगंबर अनि अखाड़ा ने शनिवार को चरण पादुका पूजन और धर्म ध्वजा स्थापना जैसे महत्वपूर्ण अनुष्ठान पूरे किए...

Prayagraj News  : संगम नगरी प्रयागराज में 13 जनवरी 2025 से शुरू हो रहे महाकुंभ की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। वैष्णव परंपरा के तीनों अनि अखाड़ों श्री पंच निर्मोही अनि अखाड़ा, श्री पंच निर्वाणी अनि अखाड़ा और श्री पंच दिगंबर अनि अखाड़ा ने शनिवार को चरण पादुका पूजन और धर्म ध्वजा स्थापना जैसे महत्वपूर्ण अनुष्ठान पूरे किए। इन अनुष्ठानों को महाकुंभ की आधिकारिक शुरुआत का प्रतीक माना जाता है।

सीएम योगी का दौरा रद्द
त्रिवेणी मार्ग स्थित अखाड़ा नगर में सुबह 11:00 बजे वैदिक मंत्रोच्चार के साथ कार्यक्रम शुरू हुआ। तीनों अखाड़ों के साधु-संतों और महात्माओं की उपस्थिति में चरण पादुका पूजन संपन्न हुआ। इसके बाद, धर्म ध्वजा की स्थापना की गई, जो अखाड़े की आध्यात्मिक परंपरा और शक्ति का प्रतीक है। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी सम्मिलित होना था, लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के कारण घोषित सात दिन के राष्ट्रीय शोक की वजह से उनका दौरा निरस्त कर दिया गया। हालांकि, मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति के बावजूद अनुष्ठान भव्य रूप से आयोजित किया गया।



धर्म ध्वजा और चरण पादुका पूजन का महत्व
श्री पंच निर्मोही अनि अखाड़ा के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत राजेंद्र दास ने बताया कि चरण पादुका पूजन और धर्म ध्वजा की स्थापना के साथ अखाड़े में महाकुंभ के सभी कार्यक्रमों की शुरुआत हो जाती है। महंत ब्रह्मांड गुरु के अनुसार, वैष्णव परंपरा के तीनों अखाड़ों में पूजन और स्थापना के बाद अखाड़े के ईष्ट देव हनुमान जी महाराज धर्म ध्वजा के रूप में विराजमान हो गए हैं। यह ध्वजा पूरे महाकुंभ के दौरान शान से फहराती रहेगी। उन्होंने बताया कि यह ध्वजा ईश्वर की उपस्थिति और आशीर्वाद का प्रतीक है।

महाकुंभ छावनी शिविर में साधना और यज्ञ
महाकुंभ के दौरान, अखाड़ों में आने वाले साधु-संत महाकुंभ छावनी में ध्यान और साधना करेंगे। इसके साथ ही भारत और विश्व के कल्याण के लिए प्रतिदिन यज्ञ और अनुष्ठान आयोजित किए जाएंगे। महंतों ने यह भी बताया कि अखाड़ों में अन्न क्षेत्र की शुरुआत हो चुकी है, जहां भक्तों और संतों के लिए भोजन की व्यवस्था की जाएगी।

अखाड़ों की भव्यता और महाकुंभ का महत्व
इस अवसर पर तेरहों प्रमुख अखाड़ों के संत-महात्मा भी मौजूद थे। उन्होंने इस अनुष्ठान को महाकुंभ की आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत बताया। महंत राजेंद्र दास के अनुसार, हनुमान जी हमारे ईष्ट हैं और उनके चरण पादुका की स्थापना के साथ ही अखाड़े में भगवान राम राजा सरकार का प्रवेश हो गया है। अब यहां प्रतिदिन धार्मिक अनुष्ठान, प्रवचन और साधना कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

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