महाकुंभ में आए नागा साधुओं से बातचीत में समाने आया कि उनकी दुनिया के अपने रहस्य हैं, जिनके बारे में अब तक बहुत कम जानकारी ही सामाजिक दुनिया में सामने आ सकी है। वह भी उतना, जितना वह उजागर करते हैं। वास्तव में नागा साधु कुंभ के आयोजन की प्राणवायु हैं। इनके बिना इस आयोजन को अधूरा माना जाता है।