आज दिनांक 10 जनवरी 2025 को आयोजित परमधर्मसंसद का शुभारंभ ध्वजारोहण और दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य परमाराध्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानंद जी महाराज ने संसद का उद्घाटन किया।
Jan 10, 2025 19:19
आज दिनांक 10 जनवरी 2025 को आयोजित परमधर्मसंसद का शुभारंभ ध्वजारोहण और दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य परमाराध्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानंद जी महाराज ने संसद का उद्घाटन किया।
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त्रिवेणी संगम के जल की गुणवत्ता सुनिश्चित करना
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कुंभ वर्ष का विक्रम संवत में उल्लेख कुंभ मेले के आयोजन और पर्व स्नान की तिथियां हिन्दी विक्रम संवत के अनुसार तय होती हैं। संसद ने प्रस्ताव पारित कर वर्ष 2025 के स्थान पर विक्रम संवत 2081 का उपयोग सरकारी पत्राचार और होर्डिंग में करने का निर्देश दिया। विशिष्ट उपस्थितियां और श्रद्धांजलि संसद में राजगढ़ के धर्मसंवद मनोहर लाल जायसवाल के आकस्मिक निधन पर शोक व्यक्त किया गया। तीन बार शांति मंत्र का उच्चारण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई।गुजरात के धर्माधीश किशोर दवे जी, संसदीय सचिव डॉ. उमाशंकर रघुवंशी, उपसचिव देवेन्द्र पाण्डेय व स्वामी निजानंद गिरि उपस्थित रहे।इस अवसर पर सुश्री गार्गी पंडित, कृष्ण गोपाल पाठक, विकास पाटनी, बाबूलाल जांगिड़, महेंद्र भार्गव, सुभाष मल्होत्रा और मालचंद्र जी सहित कई अन्य विद्वानों ने अपने विचार रखे। परमधर्मसंसद का उद्देश्य और महत्व यह परमधर्मसंसद भारतीय सनातन संस्कृति की समस्याओं, धर्म की महत्ता और सामाजिक समरसता पर विचार-विमर्श का मंच है। यहां लिए गए निर्णय समाज में धर्म के प्रति जागरूकता बढ़ाने और सामाजिक उत्थान में सहायक होंगे। आगामी सत्र : यह संसद माघ मास भर चलेगी, जिसमें प्रतिदिन नये विषयों पर चर्चा और स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानंद जी द्वारा आदेश जारी किए जाएंगे।