UP Assistant Teacher Recruitment :  69000 सहायक अध्यापक भर्ती  में आरक्षण पर इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला सुरक्षित

UPT | स्कूल में पढ़ाते हुए टीचर

Feb 17, 2024 11:37

13 अगस्त 2019 को रोस्टर से संबंधित एक कार्यालय ज्ञाप जारी किया गया था, जिसमें कहा गया कि रोस्टर के अनुसार ईडब्ल्यूएस श्रेणी अभ्यर्थियों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा...

Allahabad Highcourt News : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 69000 सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा में ईडब्ल्यूएस श्रेणी के अभ्यर्थियों के आरक्षण की मांग में दाखिल याचिकाओं पर निर्णय सुरक्षित कर लिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने सीनियर एडवोकेट जी के सिंह, अधिवक्ता अनुराग त्रिपाठी, सीमांत सिंह, इरशाद अली व अन्य वकीलों को सुनकर दिया है।

याचिकाओं के अनुसार 12 मई 2020 को 69000 सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा 2019 का परिणाम सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी द्वारा जारी होने के बाद 16 मई 2020 को सचिव बेसिक शिक्षा परिषद ने भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ करने की दिशा में काउंसिलिंग के लिए अभ्यर्थियों से आवेदन की अधिसूचना जारी की, लेकिन इस अधिसूचना मेंईडब्ल्यूएस श्रेणी अभ्यर्थियों के लिए आरक्षण का प्रावधान नहीं था। इस पर ईडब्ल्यूएस अभ्यर्थियों ने याचिका दाखिल की। याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार ने 18 फरवरी 2019 को आगामी भर्तियों में ईडब्ल्यूएस को दस प्रतिशत आरक्षण देने संबंधी शासनादेश जारी किया। उसके बाद 13 अगस्त 2019 को रोस्टर से संबंधित एक कार्यालय ज्ञाप जारी किया गया था, जिसमें कहा गया कि रोस्टर के अनुसार ईडब्ल्यूएस श्रेणी अभ्यर्थियों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा।

याचियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता जी के सिंह, एडवोकेट अनुराग त्रिपाठी, सीमांत सिंह, इरशाद अली व अन्य का कहना था कि 69000 सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा की प्रक्रिया की अधिसूचना सचिव बेसिक शिक्षा परिषद ने 16 मई 2020 को जारी की और 18 मई 2020 को गाइडलाइन जारी हुई जबकि उत्तर प्रदेश में ईडब्ल्यूएस को आरक्षण देने का प्रावधान फरवरी 2019 में ही आ गया था इसलिए ईडब्ल्यूएस श्रेणी अभ्यर्थियों को आरक्षण न देना संविधान के अनुच्छेद 14, 16 व 21 का उल्लंघन है। 

ईडब्ल्यूएस श्रेणी अभ्यर्थियों को भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण नहीं 
बेसिक शिक्षा परिषद और राज्य सरकार के वकीलों का कहना था कि सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा 2019 की अधिसूचना पांच दिसंबर 2018 को ही आ गई थी और इसकी परीक्षा छह जनवरी 2019 को हुई और रिज़ल्ट 12 मई 2020 को आया था इसलिए यह मान लिया गया कि यह भर्ती प्रक्रिया ईडब्ल्यूएस एक्ट लागू होने से पहले ही शुरू हो गई थी क्योंकि ईडब्ल्यूएस एक्ट 31 अक्टूबर 2020 को उत्तर प्रदेश सरकार ने पास किया था इसलिए ईडब्ल्यूएस श्रेणी अभ्यर्थियों को 69000 भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण नहीं दिया गया। कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद अपना निर्णय को सुरक्षित कर लिया।






 

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