प्रयागराज में प्लेटलेट्स चढ़ाने से डेंगू मरीज की मौत : हरकत में आया प्रशासन, CMO ने दिए जांच के आदेश

UPT | मृतक की पत्नी पूजा गुप्ता (इनसेट में वैभव गुप्ता)

Dec 12, 2024 14:08

प्रयागराज के जागृति हॉस्पिटल में डेंगू मरीज वैभव गुप्ता की मौत ने चिकित्सा क्षेत्र में गहरी चिंता पैदा कर दी है। आरोप है कि मरीज को नकली प्लेटलेट्स चढ़ाए गए थे, जिससे उसकी हालत और बिगड़ गई और मौत हो गई।

Prayagraj News : प्रयागराज के जागृति हॉस्पिटल में डेंगू मरीज वैभव गुप्ता की मौत ने चिकित्सा क्षेत्र में गहरी चिंता पैदा कर दी है। आरोप है कि मरीज को नकली प्लेटलेट्स चढ़ाए गए थे, जिससे उसकी हालत और बिगड़ गई। यह मामला दैनिक भास्कर (डिजिटल) द्वारा 11 दिसंबर को उजागर किया गया, जिसके बाद प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने सक्रियता दिखाई।

कैसे क्या हुआ मामला
जौनपुर के मुंगराबादशाहपुर की निवासी पूजा गुप्ता ने अपने पति वैभव गुप्ता की मौत के बाद इस गंभीर धोखाधड़ी की शिकायत की। वैभव खाद की दुकान चलाते थे और पिछले महीने उन्हें डेंगू हुआ। प्लेटलेट्स की संख्या गिरकर 16,000 पर आ गई थी, जिसके बाद उन्हें जागृति हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। डॉ. अंकुर केसरवानी ने तत्काल 6 यूनिट प्लेटलेट्स की जरूरत बताई। पूजा ने अपने एक रिश्तेदार के जरिए पंकज यादव नामक व्यक्ति से संपर्क किया। पंकज ने काल्विन ब्लड बैंक से 6 यूनिट प्लेटलेट्स लाने की बात कही और इसके लिए 15,000 रुपये की मांग की। पूजा ने तुरंत 15,500 रुपये देकर प्लेटलेट्स मंगवा लिए।

प्लेटलेट्स चढ़ाने के बाद बिगड़ी हालत
जागृति हॉस्पिटल में प्लेटलेट्स चढ़ाने के तुरंत बाद वैभव की हालत बिगड़ने लगी। डॉक्टरों ने परिवार को बताया कि मरीज की स्थिति गंभीर है और चाहें तो उसे कहीं और ले जा सकते हैं। परिजन 7 नवंबर को लखनऊ के मेदांता हॉस्पिटल लेकर गए, लेकिन अगले दिन ही वैभव की मौत हो गई।

ब्लड बैंक पर उठाए सवाल
पूजा गुप्ता ने काल्विन ब्लड बैंक पहुंचकर जांच की तो पाया कि जिन प्लेटलेट्स का सीरियल नंबर 3698 था, वह असल में उनके पति के लिए जारी हुए थे या नहीं। रजिस्टर में जांच करने पर यह सामने आया कि उस नंबर पर किसी और मरीज का नाम दर्ज था। इसका मतलब साफ था कि यह प्लेटलेट्स ब्लड बैंक से जारी ही नहीं हुए थे।

पुलिस ने पंकज को छोड़ा प्रशासन ने दी जांच के आदेश
पूजा ने शाहगंज थाने में शिकायत दर्ज कराया थी कि परिवार के लोगों ने पंकज यादव को भी पकड़कर थाने पहुंचाया, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई करने के बजाय उसे छोड़ दिया। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सीएमओ डॉ. आशु पांडे ने जांच कमेटी गठित कर पूरे मामले की जांच के आदेश दिए। उन्होंने कहा, "यह सुनिश्चित किया जाएगा कि दोषी कौन है और इस धोखाधड़ी में कौन-कौन शामिल है।"

शहर में नकली प्लेटलेट्स का गोरखधंधा
इस घटना ने नकली प्लेटलेट्स के कारोबार का पर्दाफाश किया है। विशेषज्ञों के अनुसार, नकली प्लेटलेट्स में सामान्य सलाइन (नमक का पानी) भर दिया जाता है, जो मरीज की हालत को और खराब कर देता है। नकली प्लेटलेट्स के कारण मरीज की जान जोखिम में पड़ जाती है। पूजा गुप्ता ने कहा, "मेरे पति को समय पर असली प्लेटलेट्स मिलते तो उनकी जान बच सकती थी। मैं चाहती हूं कि इस मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।

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