झांसी हादसे के बाद अस्पतालों में फायर सेफ्टी अभियान : प्रयागराज में फायर डिपार्टमेंट का निरीक्षण अभियान शुरू

UPT | प्रयागराज का चिल्ड्रेन अस्पताल में चेकिंग अभियान

Nov 16, 2024 16:27

झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में हाल ही में हुए आग लगने के दर्दनाक हादसे के बाद प्रयागराज के अस्पतालों में भी फायर डिपार्टमेंट ने एक व्यापक अभियान शुरू किया है।

Prayagraj News : झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में हुए दर्दनाक आगजनी हादसे के बाद अब प्रयागराज में सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में फायर सेफ्टी की तैयारियों का व्यापक निरीक्षण शुरू किया गया है। इस अभियान का नेतृत्व फायर डिपार्टमेंट कर रहा है, जिसका उद्देश्य अस्पतालों में किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए सुरक्षा उपायों को सुनिश्चित करना है।

फायर डिपार्टमेंट का निरीक्षण अभियान शुरू
फायर डिपार्टमेंट के मुख्य फायर अधिकारी (सीएफओ) राजीव कुमार पांडेय ने बताया कि इस निरीक्षण अभियान के तहत जिले के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों की फायर सेफ्टी व्यवस्था की जांच की जाएगी। यह अभियान एक हफ्ते तक चलेगा, जिसमें फायर डिपार्टमेंट की 8 टीमें शामिल होंगी। इन टीमों को शहरी और ग्रामीण इलाकों में विभाजित किया गया है ताकि सभी क्षेत्रों के अस्पतालों का बारीकी से निरीक्षण किया जा सके।

अस्पतालों में सुरक्षा की जांच और प्रशिक्षण
इस अभियान के दौरान अस्पतालों में फायर सेफ्टी से संबंधित उपकरणों की जांच की जाएगी, जैसे कि आग बुझाने वाले यंत्र, स्प्रिंकलर सिस्टम, और इमरजेंसी एग्जिट का निरीक्षण। अगर किसी अस्पताल में फायर सेफ्टी में कोई कमी पाई जाती है, तो उसे तुरंत नोटिस जारी कर सुधार के निर्देश दिए जाएंगे। इसके अलावा, अस्पताल कर्मियों को फायर सेफ्टी के संबंध में जानकारी और प्रशिक्षण देने के लिए विशेष कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। इसी क्रम में, फायर डिपार्टमेंट की टीम ने अभियान की शुरुआत प्रयागराज के चिल्ड्रन अस्पताल से की, जहां सभी फायर सेफ्टी उपकरण सही स्थिति में पाए गए। इसके बाद शहर के एक निजी अस्पताल का भी निरीक्षण किया गया, जिसमें भी सभी सुरक्षा उपाय मानकों के अनुरूप मिले।



झांसी हादसे ने उजागर की सुरक्षा की खामियां
इस पूरे अभियान की शुरुआत झांसी में हुए दर्दनाक हादसे के बाद हुई है। शुक्रवार रात को झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू वार्ड में आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई थी। इस घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया और अस्पतालों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए। शॉर्ट सर्किट को आग का कारण बताया जा रहा है, जिसने वार्ड में धुएं और आग की लपटों से 10 मासूम जिंदगियों को हमेशा के लिए खत्म कर दिया। इस हृदयविदारक घटना के बाद चिकित्सा संस्थानों की सुरक्षा पर गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता महसूस की जा रही है।

सरकार का सख्त रुख और फायर सेफ्टी पर जोर
झांसी की घटना के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी अस्पतालों में फायर सेफ्टी व्यवस्था को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए हैं। फायर डिपार्टमेंट के अधिकारियों का कहना है कि प्रयागराज में चल रहे इस निरीक्षण अभियान से अस्पतालों में सुरक्षा मानकों को और अधिक मजबूत किया जाएगा, ताकि भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाओं से बचा जा सके। सरकार और प्रशासन का कहना है कि इस निरीक्षण अभियान के दौरान जिन अस्पतालों में सुरक्षा में लापरवाही पाई जाएगी, उन्हें तुरंत सुधार करने के निर्देश दिए जाएंगे और उनकी निगरानी भी की जाएगी। इस पहल से अस्पतालों में सुरक्षा और मरीजों की जान की रक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है।

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