काशी के नक्शे कदम पर प्रयागराज : महाकुंभ से पहले घाटों का कायाकल्प, वाराणसी की तर्ज पर उठाए गए कदम

UPT | महाकुंभ से पहले घाटों का होगा कायाकल्प

Nov 16, 2024 17:38

महाकुंभ से पहले प्रयागराज के घाटों को एक भव्य और आधुनिक स्वरूप प्रदान करने के लिए योगी सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर कायाकल्प कार्य किया जा रहा है। यह कार्य बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी की तर्ज पर किया जा रहा है...

Prayagraj News : महाकुंभ से पहले प्रयागराज के घाटों को एक भव्य और आधुनिक स्वरूप प्रदान करने के लिए योगी सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर कायाकल्प कार्य किया जा रहा है। यह कार्य बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी की तर्ज पर किया जा रहा है। जिससे कुंभ नगरी प्रयागराज के घाटों को नया जीवन मिल सके।

घाटों का हो रहा है कायाकल्प
गंगा और यमुना के घाट श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए महत्वपूर्ण स्थल होते हैं। जहां वे स्नान करते हैं। इस पवित्रता को बनाए रखने और घाटों की सुंदरता को बढ़ाने के लिए योगी सरकार ने 11.01 करोड़ रुपये की लागत से घाटों का कायाकल्प कराने का निर्णय लिया है। जल निगम के कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन डिवीजन के तहत ये कार्य तेजी से चल रहे हैं और प्रोजेक्ट मैनेजर रोहित कुमार राणा ने बताया कि यह कार्य अब अंतिम चरण में है।



इन घाटों का हो रहा जीर्णोद्धार
प्रयागराज के जिन सात घाटों का कायाकल्प किया जा रहा है, उनमें बलुआ घाट, कालीघाट, रसूलाबाद घाट, छतनाग घाट झूंसी, नागेश्वर घाट झूंसी, मौज गिरी घाट और पुराना अरैल घाट शामिल हैं। इनमें से सभी घाटों पर लगभग 80 से 90 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है। यह कार्य 30 नवंबर के पहले पूरा कर लिया जाएगा। महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं को उच्चतम स्तर की सुविधाएं प्रदान करना कुंभ मेला प्रशासन की प्राथमिकता है। घाटों को आधुनिक और स्वच्छ बनाने के लिए कई सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। इन घाटों पर छतरी, उच्च मस्त के लाइट, पेयजल के लिए आरओ, सचल टॉयलेट, चेंजिंग रूम और बैठने के लिए बेंच की व्यवस्था की जा रही है। इसके अलावा घाटों के चारों ओर हरित पट्टी विकसित की जा रही है ताकि पर्यटकों को एक सुखद और आरामदायक वातावरण मिल सके।

गंगा और यमुना का सौंदर्यीकरण
प्रयागराज के घाटों के पुनरोद्धार से न केवल उनकी सुंदरता बढ़ेगी बल्कि यह पर्यटकों को आकर्षित करने में भी सहायक साबित होगा। महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालु अब गंगा और यमुना की पवित्र धाराओं में स्नान के साथ-साथ घाटों की सुंदरता का भी आनंद ले सकेंगे। योगी सरकार का यह कदम न केवल धार्मिक स्थलों के सौंदर्यीकरण के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह क्षेत्र की संस्कृति और विरासत को भी संरक्षित करने का कार्य करेगा।

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