Prayagraj News : महाकुंभ मेले में महानिर्वाणी अखाड़े की धर्म ध्वजा के साथ भव्य पेशवाई पहुंची छावनी

UPT | महानिर्वाणी की पेशवाई के दौरान नागा संन्यासी

Jan 02, 2025 17:20

अखाड़ों की छावनी में प्रवेश की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। गुरुवार को इस सिलसिले में सन्यासियों के सबसे पुराने अखाड़ों में से एक श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी की भव्य पेशवाई बड़े धूमधाम के साथ निकाली गई।

Prayagraj News : प्रयागराज के संगम तट पर आयोजित होने जा रहे महाकुंभ मेले 2025 का शुभारंभ 13 जनवरी से होगा। इससे पहले, मेला क्षेत्र में अलग-अलग अखाड़ों की छावनी में प्रवेश की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। गुरुवार को इस सिलसिले में संन्यासियों के सबसे पुराने अखाड़ों में से एक श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी की भव्य पेशवाई बड़े धूमधाम के साथ निकाली गई।

पेशवाई का नेतृत्व और अद्भुत आयोजन
महानिर्वाणी अखाड़े की इस पेशवाई का नेतृत्व निर्वाण पीठाधीश्वर स्वामी विसोकानंद भारती ने किया। यह पेशवाई धार्मिक परंपराओं और सनातन संस्कृति के अलौकिक वैभव को प्रदर्शित करती हुई निकली। शोभायात्रा में हाथियों, घोड़ों और ऊंटों पर सवार नागा संन्यासियों ने अपने राजसी अंदाज से सभी का ध्यान आकर्षित किया। बैंड-बाजों की धुन पर निकली इस यात्रा में सनातन धर्म की भव्यता और आध्यात्मिकता की अद्भुत छवि देखने को मिली।

धर्म ध्वजा और ईष्ट देव की पालकी
पेशवाई में सबसे आगे अखाड़े की धर्म ध्वजा शान के साथ लहराते हुए चल रही थी, जो अखाड़े के धार्मिक और आध्यात्मिक गौरव का प्रतीक है। इसके पीछे अखाड़े के ईष्ट देव भगवान विष्णु के 24 अवतारों में से पांचवें अवतार कपिल मुनि की पालकी शोभायात्रा का मुख्य आकर्षण बनी। पालकी को श्रद्धालुओं ने आदरपूर्वक नमन किया।

नागा संन्यासियों और अन्य कलाकारों का प्रदर्शन
इस पेशवाई में बड़ी संख्या में नागा संन्यासी अपने पारंपरिक अस्त्र-शस्त्रों का प्रदर्शन करते हुए और करतब दिखाते हुए शामिल हुए। काशी से आए ब्राह्मणों ने डमरू बजाकर माहौल को और भी दिव्य बना दिया। शोभायात्रा में महिलाओं ने कलश यात्रा के माध्यम से अपनी सहभागिता दिखाई, जिससे श्रद्धा और भक्ति का वातावरण और भी गहराया।

सुरक्षा और स्वागत
पेशवाई अल्लापुर इलाके से निकलकर मेले की छावनी तक पहुंची। यात्रा के दौरान जगह-जगह श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा कर अखाड़े के संत-महात्माओं का स्वागत किया। शाही रथों पर सवार संतों ने भक्तों को दर्शन देकर आशीर्वाद प्रदान किया। पेशवाई को लेकर पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए, जिससे आयोजन शांतिपूर्ण और व्यवस्थित तरीके से संपन्न हो सका।

महाकुंभ की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर
महानिर्वाणी अखाड़े की यह पेशवाई न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान थी, बल्कि सनातन धर्म की संस्कृति, परंपरा और भव्यता का जीवंत उदाहरण भी थी। महाकुंभ मेले में ऐसी शोभायात्राएं आध्यात्मिकता के साथ-साथ सांस्कृतिक धरोहर को भी संजोने का काम करती हैं।

महाकुंभ 2025 में आने वाले श्रद्धालु इस बार भी इन अलौकिक आयोजनों का साक्षी बनकर अपने जीवन को धर्म और भक्ति के रंग में रंगने का सौभाग्य प्राप्त करेंगे।

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