प्रयागराज : हाईकोर्ट ने सड़क चौड़ीकरण के लिए पेड़ों की कटाई पर रोक लगाई

UPT | इलाहाबाद हाईकोर्ट

Aug 10, 2024 15:19

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण आदेश में सड़क चौड़ीकरण की जद में आ रहे पेड़ों की अंधाधुंध कटाई पर रोक लगा दी है। याचिकाकर्ता ने कोर्ट से कहा कि पेड़ नहीं लगाए जा रहे हैं।

Short Highlights
  • कोर्ट ने यह भी कहा था कि संविधान के अनुच्छेद 47 के तहत पर्यावरण की रक्षा करना राज्य का सांविधानिक दायित्व है
  • सरकार प्रदूषण मुक्त वातावरण रख लोक स्वास्थ्य में बढ़ोतरी करे, किसी को मानव प्रजाति को प्रभावित करने की अनुमति नहीं 
Prayagraj News : प्रयागराज में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश में सड़क चौड़ीकरण के लिए पेड़ों की अंधाधुंध कटाई पर रोक लगा दी है। यह आदेश याचिकाकर्ता आनंद मालवीय की याचिका पर दिया गया है, जिसमें उन्होंने पेड़ों की कटाई पर चिंता व्यक्त की थी। याचिकाकर्ता का कहना है कि सड़क किनारे लगे पेड़ स्थानीय निवासियों के लिए जीवनरेखा समान हैं। स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत सरकार पेड़ों की कटाई कर रही है,लेकिन नए पौधे लगाने की प्रक्रिया नहीं अपनाई जा रही है,जिससे आने वाले समय में पर्यावरण और लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। 

पीडीए उपाध्यक्ष को कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश 
हाईकोर्ट ने प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) के उपाध्यक्ष को निर्देश दिया है कि वे अगली सुनवाई में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से या व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हों। इस मामले की अगली सुनवाई 20 अगस्त को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति एमके गुप्ता और न्यायमूर्ति मनीष कुमार निगम की खंडपीठ ने आनंद मालवीय और अन्य की याचिका पर दिया है।

पीडीए ने कोर्ट से किया था 10 गुना पेड़ लगाने का वादा 
प्रयागराज विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ने पहले कोर्ट को आश्वासन दिया था कि जितने पेड़ काटे जाएंगे,उसके बदले 10 गुना अधिक पेड़ लगाए जाएंगे। इस पर कोर्ट ने कहा था कि महात्मा गांधी मार्ग,सरदार पटेल मार्ग और अन्य प्रमुख मार्गों पर बारिश के मौसम में छायादार पौधे लगाए जाएं। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि संविधान के अनुच्छेद 47 के तहत पर्यावरण की रक्षा करना राज्य का संवैधानिक दायित्व है और सरकार को प्रदूषण मुक्त वातावरण बनाए रखने के लिए कदम उठाने चाहिए ताकि लोक स्वास्थ्य में वृद्धि हो। किसी भी गतिविधि को मानव प्रजाति के अस्तित्व पर प्रतिकूल प्रभाव डालने की अनुमति नहीं दी जा सकती। इस आदेश के माध्यम से हाईकोर्ट ने पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है और सरकार को पेड़ों की कटाई के बदले में प्रभावी पुनर्वनीकरण सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। यह फैसला पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास के बीच संतुलन बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। 

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